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बियंस मॉल में चार महिलाओं समेत पांच लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध

गुरुग्राम, 2 जुलाई (हप्र) गुरुग्राम के प्रतिष्ठित एंबियंस मॉल में प्रवेश को लेकर एक अभूतपूर्व विवाद सामने आया है। मॉल प्रबंधन ने लैगून सोसायटी की चार महिलाओं समेत पांच लोगों के मॉल में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस...
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गुरुग्राम, 2 जुलाई (हप्र)

गुरुग्राम के प्रतिष्ठित एंबियंस मॉल में प्रवेश को लेकर एक अभूतपूर्व विवाद सामने आया है। मॉल प्रबंधन ने लैगून सोसायटी की चार महिलाओं समेत पांच लोगों के मॉल में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस संबंध में सार्वजनिक नोटिस मॉल के गेट पर चस्पा किया गया है। यह कदम तब उठाया गया जब रविवार को सड़क डायवर्जन को लेकर सोसायटी निवासियों और मॉल प्रबंधन के बीच टकराव और बढ़ गय था।

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दरअसल, एंबियंस मॉल से सटी लैगून सोसायटी के निवासी लंबे समय से शिकायत कर रहे हैं कि मॉल द्वारा सड़क डायवर्ट किए जाने के कारण उनके गेट के बाहर लगातार ट्रैफिक जाम लग रहा है। इसी मुद्दे को लेकर रविवार को सोसायटी निवासियों ने मॉल की ओर बनाए गए एक यू-टर्न को अस्थायी रूप से बंद कर दिया। इस पर मॉल के बाउंसर मौके पर पहुंचे और चेन हटाकर रास्ता फिर से खोल दिया। इसी दौरान दोनों पक्षों के बीच तीखी झड़प हुई और हाथापाई के आरोप भी लगे। वायरल वीडियो में एक बाउंसर को एक महिला से यह कहते सुना गया कि मुझे बदतमीजी के लिए मजबूर मत करो। सोसायटी के पूर्व आरडब्ल्यूए अध्यक्ष संजय लाल माथुर का आरोप है कि जिन महिलाओं के नाम नोटिस में शामिल किए गए हैं, उनमें से कुछ उस दिन प्रदर्शन में मौजूद ही नहीं थीं। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा आरडब्ल्यूए अध्यक्ष की पत्नी का नाम भी पहले नोटिस में था। फेडरेशन ऑफ अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय लाल ने मॉल की महिला बाउंसर्स पर महिलाओं की गरिमा भंग करने का आरोप लगाया है और इस मामले में महिला आयोग से संज्ञान लेने की मांग की है। उन्होंने मॉल प्रबंधन से सार्वजनिक नोटिस वापस लेने, माफी मांगने और सड़क मार्ग का पुनर्निर्धारण करने की मांग की है ताकि सोसायटी निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

‘सड़क का रखराव माल करता है,

मॉल प्रबंधन का कहना है कि संबंधित क्षेत्र निजी संपत्ति है और सड़क का रखरखाव मॉल द्वारा किया जाता है, ऐसे में किसी अन्य को इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। यह मामला अब कानूनी और सामाजिक दोनों स्तरों पर गंभीर विवाद का रूप ले चुका है।

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