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उत्तर प्रदेश में बिजली निजीकरण के खिलाफ कर्मचारी एकजुट, किया प्रदर्शन

इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (ईईएफआई) के आह्वान पर बृहस्पतिवार को बल्लभगढ़ डिवीजन में बिजली कर्मचारियों ने उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्वांचल और दक्षिणांचल निगमों के निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश सरकार के निजीकरण...

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बल्लभगढ़ डिवीजन पर उत्तर प्रदेश सरकार के निजीकरण के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन करते बिजली कर्मचारी। -हप्र
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इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (ईईएफआई) के आह्वान पर बृहस्पतिवार को बल्लभगढ़ डिवीजन में बिजली कर्मचारियों ने उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्वांचल और दक्षिणांचल निगमों के निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश सरकार के निजीकरण के फैसले के खिलाफ कर्मचारियों और इंजीनियरों ने एकजुटता दिखाई। प्रदर्शन की अध्यक्षता ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशन वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेन्द्र खटकड़ ने की, जबकि संचालन सचिव वेद प्रकाश कर्दम ने किया।

प्रदर्शन में ईईएफआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष लांबा, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के जिला प्रधान करतार सिंह, एएचपीसी वर्कर यूनियन के सर्कल सचिव कृष्ण कुमार, और अन्य कर्मचारी नेता मौजूद थे।

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सुभाष लांबा ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 27 नवंबर 2024 को दोनों निगमों को निजी हाथों में सौंपने का निर्णय लिया है, जिसका विरोध पिछले एक साल से लगातार हो रहा है। उन्होंने कहा कि यदि निजीकरण लागू हुआ, तो 42 जिलों की बिजली वितरण प्रणाली निजी कंपनियों के नियंत्रण में चली जाएगी, जिससे बिजली की दरें बढ़ सकती हैं और कर्मचारियों की छंटनी हो सकती है।

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प्रदर्शन में कर्मचारियों ने इस निर्णय के खिलाफ सरकार के खिलाफ विरोध जारी रखने का संकल्प लिया और 30 जनवरी को संसद कूच करने का आह्वान किया।

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