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आपातकाल था लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला, महिलाओं ने अत्याचारों का किया डटकर सामना : नायब सैनी

इमरजेंसी की 50वीं वर्षगांठ : महिला मॉक पार्लियामेंट में सीएम ने राहुल गांधी और कांग्रेस को घेरा
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गुरुग्राम, 28 जून (हप्र)

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा 25 जून 1975 इतिहास का वो काला दिन था, जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संविधान को रौंदने का काम किया। जिस पार्टी ने संविधान की धज्जियां उड़ाई आज उसी के युवराज संविधान उठाकर घूम रहे हैं। भाजपा देश भर में आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र के काला अध्याय के रूप में मना रही है।

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मुख्यमंत्री ने शनिवार को गुरुग्राम विश्वविद्यालय के सभागार में हरियाणा भाजपा महिला मोर्चा द्वारा आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित महिला मॉक पार्लियामेंट में यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि अंग्रजों ने भी इतना अत्याचार नहीं किया था, जितना आजादी के बाद कांग्रेस ने भारत के लोगों पर किया। मुख्यमंत्री नायब सिहं सैनी ने मॉक पार्लियामेंट की कार्यवाही भी देखी और उन्होंने मॉक पार्लियामेंट में भाग लेने वाली महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण को समर्पित यह मॉक पार्लियामेंट सेशन आपातकाल के दौरान महिलाओं पर हुए अत्याचार को याद करते हुए उनके त्याग को सलाम करने का दिन है। उन्होंने आपातकाल में अत्याचार का विरोध करने वाले लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित भी किया। सम्मानित होने वालो में प्रदेश अध्यक्ष लोकतंत्र सेनानी संगठन महावीर भारद्वाज, एस.बी. गुप्ता और श्रीचंद गुप्ता शामिल रहे। वहीं, कार्यक्रम को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पंडित मोहन लाल बड़ौली ने भी संबोधित किया और उन्होंने कहा कि आपातकाल के काले अध्याय की सच्चाई जनता इस तरह के आयोजनों से जनता तक पहुंचती है। इस अवसर पर उद्योग मंत्री राव नरबीर सिंह, विधायक तेजपाल तंवर, बिमला चौधरी, मुकेश शर्मा, शक्ति रानी शर्मा, मेयर राजरानी मल्होत्रा, पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल, जिलाध्यक्ष सर्वप्रिय त्यागी, अजीत यादव, कमल यादव सहित डीसी अजय कुमार, सीपी विकास अरोड़ा, गुरुग्राम विश्वविद्यालय के वाइस चेयरमैन डा. संजय कौशिक सहित लोकतंत्र सेनानी व अन्य उपस्थित रहे।

एक परिवार की सत्ता को बचाने के लिए देश को जेल बना दिया

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपातकाल के दौरान लोकतंत्र सेनानियों पर जितने अत्याचार हुए उतने ही अत्याचार महिलाओं ने सहन किए और इस काले दौर का डंटकर वीरता से सामना किया। महिलाओं ने राष्ट्रहित में जो लोकतंत्र प्रहरी के रूप में योगदान दिया वह कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने आह्वान किया कि लोकतंत्र के काले अध्याय को जन-जन तक पहुंचाया जाए ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियां इसे याद रखे और इसके प्रति सचेत रहे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार द्वारा अपनी स्वार्थ पूर्ति व संकुचित मानसिकता के लिए देश के लोगों पर जबदस्ती आपातकाल को थोपा था। आज से 50 वर्ष पूर्व लगे आपातकाल में केवल राजनीतिक अधिकारों का ही हनन नहीं हुआ बल्कि महिलाओं की स्वतंत्रता, उनकी गरिमा, उनके अधिकारों पर सबसे क्रूर हमला हुआ। यह उस दौर की बात है, जब संविधान को ताक पर रखकर एक परिवार की सत्ता को बचाने के लिए देश को जेल बना दिया गया था। आज, जब इतनी जागरूक माताएं-बहनें बैठी हैं, तो मुझे पूरा विश्वास है कि इस देश की लोकतांत्रिक चेतना को कोई फिर से कोई कुचल नहीं सकता।

‘विपक्ष का बार-बार संसद की कार्यवाही को बाधित करना गंभीर’

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आपातकाल के दौरान अपना जीवन न्यौछावर करने वालों को सम्मान दिया। उन्होंने कहा कि आज संसद में विपक्ष की गरिमा निचले स्तर तक गिरती जा रही है। विपक्ष न केवल लोकतंत्र का अपमान कर रहा है बल्कि संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों को ठेस पहुंचाने का काम भी कर रहा है। विपक्ष द्वारा संसद की कार्यवाही को बार-बार बाधित करना गंभीर विषय है। इससे न केवल संसद का बहुमूल्य समय बर्बाद होता है बल्कि देश के विकास की गति भी धीमी होती है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने महिला मॉक पार्लियामेंट में भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष उषा प्रियदर्शी और उनकी पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि आपने यह मंच तैयार किया, जहां महिलाएं न केवल बोल रही हैं, बल्कि नेतृत्व भी कर रही हैं।

कुलदीप ने पीएम व राहुल ने निभाई नेता प्रतिपक्ष की भूमिका

भाजयुमो द्वारा हिपा में आयोजित मॉक पार्लियामेंट के विशेष सत्र में प्रदेश मीडिया प्रभारी कुलदीप यादव प्रधानमंत्री की भूमिका में रहे, वहीं राहुल मुंढल ने नेता प्रतिपक्ष, देवांशु ने लोकसभा अध्यक्ष की भूमिका निभाई। सभी प्रतिभागियों ने प्रभावशाली और शालिनता से अपने-अपने विचार रखे और चर्चा की।

आपातकाल में कांग्रेस के किए अत्याचारों को याद रखे नयी पीढ़ी : बड़ौली

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने आपातकाल को इतिहास का काला अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि आपातकाल को इस तरह के आयोजनों द्वारा याद करने उद्देश्य यह है कि युवा और आने वाली पीढ़ी कांग्रेस द्वारा किए गए अत्याचारों को याद रखे। नयी पीढ़ी को यह बताना जरूरी है कि 1975 में आपातकाल की घोषणा कोई राष्ट्रीय संकट का नतीजा नहीं थी, बल्कि यह एक डरी हुई प्रधानमंत्री की सत्ता बचाने की रणनीति थी, जिसे न्यायपालिका से मिली चुनौती से बौखला कर थोपा गया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए लोकतंत्र सेनानियों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से विकास कर रहा है।

विपक्ष लोकतंत्र का रक्षक बनने का कर रहा दिखावा : गौरव गौतम

खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम ने कहा कि वर्ष 1975 में लगाए गए आपातकाल को केवल आपातकाल कहना उस दौर की क्रूरता को कम करके आंकना होगा। असल में वह अन्याय काल था, जब संविधान, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और आम नागरिकों के अधिकारों का बेरहमी से दमन किया गया। जब कोई चुना हुआ प्रतिनिधि तानाशाही की राह पर चल पड़ता है और सत्ता के मद में संविधान तक की अवमानना करता है, तब लोकतंत्र पर जो कुठाराघात होता है, उसका सबसे बड़ा उदाहरण आपातकाल है।

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