फरीदाबाद में सीनियर डिप्टी मेयर, डिप्टी मेयर का चुनाव आज
फरीदाबाद नगर निगम का चुनाव होने के बाद करीबन चार माह बीत जाने के बाद आखिरकार अब वह घड़ी आ गई जब सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव कल सोमवार को होगा।
31 मार्च को नवनिर्वाचत मेयर ने पद ग्रहण किया था। सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव व फाइनेंस कमेटी का गठन न होने के चलते चार महीने से चुने हुए पार्षद अपने इलाकों में विकास कार्य नहीं करवा पा रहे थे।
वैसे तो हरियाणा के शहरी निकाय मंत्री विपुल गोयल के अथक प्रयासो से निगम आयुक्त को ढाई करोड़ तक के विकास कार्य करवाने की मंजूरी मिल चुकी है। लेकिन यह क्षेत्र के विकास के लिए नाकाफी है। सदन की मीटिंग न होने के चलते पार्षद अपने क्षेत्र के विकास कार्यों की आवाज नहीं उठा सकें। मगर अब वह घड़ी आ चुकी है। कल सोमवार 11 अगस्त को जहां नगर के सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होगा, वहीं सदन की बैठक भी आयोजित की जाएगी। दोनों महत्वपूर्ण पदों के लिए पार्षदों ने अपने-अपने लेवल पर आकाओं के यहां लॉबिंग तो पहले से ही शुरू की हुई थी।
सीनियर डिप्टी मेयर पद पर सबसे मजबूत दावा गुर्जर समुदाय का है। नगर निगम में 46 पार्षदों में से इस वर्ग के 16 निर्वाचित पार्षद है। इसके बाद सबसे ज्यादा संख्या में पंजाबी व सिख पार्षद हैं, जिनकी संख्या 7 है पर वर्ग विशेष से पद दिए जाने के साथ-साथ विधानसभा क्षेत्र का भी ध्यान रखा जा सकता। मौजूद मेयर बड़खल विधानसभा क्षेत्र से है। इस क्षेत्र के अलावा ही अन्य सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद होंगे।
सीनियर डिप्टी मेयर पद पर गुर्जर पार्षदों में सबसे मजबूत दावा अजय बैंसला का बनता है, अजय बैंसला हरियाणा की नगर निगमों में अकेले ऐसे पार्षद है जो लगातार तीन बार भाजपा की टिकट पर निर्वाचित हुए है। बैंसला वर्ष 2010, 2017 व 2025 में जीत हासिल की। सबसे खास बात यह भी है कि अजस बैंसला केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के बेहद नजदीकी है इसलिए अजय का दावा बेहद मजबूत माना जाता है। अजय बैंसला के बाद अनिल नागर का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। नागर भाजपा जिला संगठन में भी सक्रिय हैं। वह भी केन्द्रीय राज्य मंत्री के खासमखास माने जाते है।
डिप्टी मेयर की बात करें तो फरीदाबाद, बल्लभगढ़ व एनआईटी क्षेत्र के पार्षदों की दावेदारी बन रही है, इन वार्डों में सिख, वैश्य व जाट समुदाय के लोगों का दावा बन रहा है। अगर सिख पार्षद को डिप्टी मेयर बनाया जाता है तो कुलदीप सिंह साहनी का दावा सबसे मजबूत माना जा रहा है। क्योंकि जसवंत सिंह बडख़ल विधानसभा क्षेत्र से है मगर इस विधानसभा क्षेत्र से पहले ही मेयर बन चुकी है और पूर्व मेयर भी सुमन बाला भी बड़खल विधानसभा क्षेत्र से संबंध रखती थी। अगर जाटों की बात की जाए तो वार्ड- एक से मुकेश डागर, वार्ड-2 से राजेश डागर पार्षद हैं। इस बिरादरी को प्रमुखता दी गई तो इन दोनों में से किसी की भी लाटरी लग सकती है।