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लावारिश पशुओं, सफाई व्यवस्था में हो प्रभावी कार्रवाई

बैठक में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल ने अधिकारियों को दिये निर्देश
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शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल ने कहा किशहर की सड़कों से बेसहारा पशुओं और स्वच्छता के मामले में प्रभावी कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही एक महीने के भीतर खुले में पड़े तीन लाख टन सीएंडी वेस्ट का निपटान सुनिश्चित होना चाहिए। उन्होंने यह बात बुधवार की शाम लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में अधिकारियों की बैठक को सम्बोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर बैठक में विशेष तौर पर उपस्थित रहे। विपुल गोयल ने शहरी क्षेत्रों में खुले में घूमने वाले बेसहारा गौवंश, सफाई व्यवस्था, सीवरेज, सीएंडडी वेस्ट और अन्य शहरी सुविधाओं को लेकर व्यापक विचार विमर्श किया। शहरी स्थानीय निकाय मंत्री ने निगम अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर घूमने वाले बेसहारा गौवंश के मामले में प्रभावी एवं तेज कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि अगले 15 दिनों में इस दिशा में स्पष्ट बदलाव दिखाई देना चाहिए। इसके लिए एक विशेष व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाए ताकि नागरिक बेसहारा गौवंश व निराश्रित पशुओं की सूचना दे सकेंगे। सूचना देने वालों को इनाम देने की भी घोषणा की जाएगी। इसके अलावा, सफाई कर्मचारियों के लिए भी प्रोत्साहन योजना लागू होगी, जिसके तहत पशु को पकड़कर संबंधित एजेंसी को सौंपने वाले कर्मचारियों को इनाम दिया जाएगा। शहरी स्थानीय निकाय मंत्री ने स्पष्ट किया कि गुरुग्राम की छवि एक स्वच्छ और व्यवस्थित शहर के रूप में बनाने के लिए सभी अधिकारी समयबद्ध और परिणाम आधारित कार्य करें। बैठक में नगर निगम में अधिकारियों ने जानकारी दी गई कि वर्तमान में गुरुग्राम में लगभग 5,000 गायें और 1,500 नंदी खुले में घूमते हैं। नगर निगम द्वारा संचालित कामधेनु और नंदीधाम शालाओं में 500 गाय और 500 नंदी अतिरिक्त रखने की क्षमता उपलब्ध है। मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दो अन्य स्थानों पर भी गौशालाओं की व्यवस्था की जाए ताकि पशुओं को सुरक्षित रखने का काम जल्द से जल्द पूरा किया जा सके। विपुल गोयल ने बैठक में सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने, सार्वजनिक स्थानों को कचरा मुक्त रखने, सफाई संसाधन बढ़ाने, सीएंडडी वेस्ट को समय पर उठाने और भवन नक्शा पास करते समय मलबा शुल्क वसूली को अनिवार्य करने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही, सीवरेज संबंधी समस्याओं के त्वरित समाधान और हरियाणा नगर निगम अधिनियम के तहत सभी कार्यों को सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया।

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