शिक्षा का व्यावहारिक एवं कल्याणकारी होना आवश्यक : प्रो. दीप्ति धर्माणी
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. दीप्ति धर्माणी ने सावन महोत्सव की शुभकामनाएं दी और कहा कि शिक्षा और सावन दोनों ही समानार्थी हैं। सावन की फुहारें बंजर धरती को हरा भरा कर देती हैं, ठीक उसी प्रकार शिक्षा भी जीवन से अज्ञानता रूपी अंधकार को मिटाकर प्रकाशमय बनाती है। आज सावन महोत्सव के साथ दीक्षारंभ हो रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का व्यावहारिक एवं कल्याणकारी होना आवश्यक है। भगवान शिव बुराइयों का संहार करते हैं और वे सबके कल्याणकर्ता हैं। विद्यार्थी सभ्य, शिक्षित, संस्कारित एवं समृद्ध राष्ट्र एवं समाज के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। हम शिक्षा से पूर्ण शिक्षित एवं संस्कारित हों अपने लक्ष्य एवं सफलता की ओर निरंतर आगे बढ़ें। कलाकार एवं क्षेत्रीय निदेशक हरियाणा कला परिषद गजेंद्र फौगाट ने अनेक लोक गीतों की रंगारंग प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
कुलसचिव डॉ. भावना शर्मा ने कहा कि सावन का त्योहार हमें प्रकृति के प्रति मैत्रीपूर्ण भाव रखने का संदेश देता है। यह हर्षोल्लास का पर्व है। हमें यह कदापि नहीं भूलना चाहिए कि यदि प्रकृति को नुकसान पहुंचाने का काम करेंगे तो हमारा भी जीवन खतरे में पड़ सकता है। इसलिए सभी जीवों का सम्मान करें।
डीन स्टूडेंट वेलफेयर एवं सावन महोत्सव कार्यक्रम संयोजक डॉ सुरेश मलिक ने सभी अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए सावन महोत्सव पर विस्तृत जानकारी दी। सभी अतिथियों एवं सहभागियों का धन्यवाद एवं आभार डॉ सोनल शेखावत ने किया। विभिन्न महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा स्व निर्मित उत्पादों की स्टाल लगाई गईं।