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दूबलधन कॉलेज बनेगा करियर निर्माण की टकसाल : प्राचार्य

राजकीय महाविद्यालय दूबलधन के प्राचार्य डॉ. कर्मवीर गुलिया ने कहा कि कॉलेज करियर निर्माण की टकसाल बनेगा। उन्होंने कहा कि जब हम प्रतियोगी परीक्षाओं की पृष्ठभूमि को खंगालते हैं तो हिंदी व इतिहास का अध्ययन बौद्धिक समझ व सामान्य ज्ञान...
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राजकीय महाविद्यालय दूबलधन के प्राचार्य डॉ. कर्मवीर गुलिया ने कहा कि कॉलेज करियर निर्माण की टकसाल बनेगा। उन्होंने कहा कि जब हम प्रतियोगी परीक्षाओं की पृष्ठभूमि को खंगालते हैं तो हिंदी व इतिहास का अध्ययन बौद्धिक समझ व सामान्य ज्ञान में पारंगत होने में विशेष भूमिका निभाता है। करियर काउंसलर अब भाषा और मानविकी विषयों को भी किसी युवा के करियर निर्माण की धुरी मानते हैं।

पीजी कोर्स में दाखिला अभियान की जानकारी देते हुए प्राचार्य डॉ. कर्मवीर गुलिया ने कहा कि हिंदी और इतिहास जैसी पीजी कोर्स में केवल एकेडमिक विकास करते हैं अपितु सामाजिक चेतना, विश्लेषण क्षमता और प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी में भी युवाओं को सक्षम बनाते हैं। राजकीय महाविद्यालय दूबलधन पहले से भी प्रशासनिक व अकादमी अधिकारियों का खजाना रहा है। अब हिंदी और इतिहास के मास्टर कोर्स युवाओं को प्रतियोगी परीक्षा में सफल महारथी बनाएंगे।

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प्राचार्य गुलिया ने कहा कि हिंदी की पढ़ाई से युवाओं में लेखन सृजनशीलता,अनुवाद और संवाद कौशल और साहित्यिक आलोचना की गुण आ जाते हैं। वैसे भी हिंदी हरियाणवी और अंग्रेजी के बीच की सार्थांक कड़ी है। इसके अध्ययन से रेडियो टीवी एंकरिंग, खेल एंकरिंग, कंटेंट राइटिंग और भाषा विशेषज्ञ बनने के अवसर खुलते हैं। इतिहास के अध्ययन से पुरातत्व विशेषज्ञ, अभिलेखागार विश्लेषक, पर्यटन के क्षेत्र में भविष्य समरता है। यहां का स्टेडियम आधुनिक सुविधायुक्त है तथा पुस्तकालय और अध्ययनकक्ष भी लाजवाब है। इस मौके पर कॉलेज के सभी स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।

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