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समचाना गांव में टूटी ड्रेन, ग्रामीणों ने रोका कटाव

आखिरकार ग्रामीणों को जिसका डर था वही हो गया। लगातार बारिश और तेज बहाव के कारण पाकस्मा ड्रेन मंगलवार को समचाना गांव में टूट गई। एक ओर से पानी ओवरफ्लो हो गया जबकि दूसरी ओर कटाव बन गया। घटना से...
रोहतक के गांव समचाना में मंगलवार को पाकस्मा ड्रेन का कटाव बंद करते ग्रामीण। -हप्र
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आखिरकार ग्रामीणों को जिसका डर था वही हो गया। लगातार बारिश और तेज बहाव के कारण पाकस्मा ड्रेन मंगलवार को समचाना गांव में टूट गई। एक ओर से पानी ओवरफ्लो हो गया जबकि दूसरी ओर कटाव बन गया। घटना से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। सुबह ग्रामीणों ने देखा कि अटायल रोड पर कुएं के पास तेजपाल के खेत में ड्रेन टूटी हुई है और पानी तेजी से बह रहा है। खबर फैलते ही बड़ी संख्या में लोग मौके पर पहुंचे। कुछ लोगों ने बोरे भरने का काम संभाला तो कई युवा पानी में उतरकर कटाव रोकने में जुट गए। काफी मशक्कत के बाद पानी का बहाव नियंत्रित किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि ड्रेन की पटरी पहले से कमजोर थी, लेकिन समय रहते मरम्मत नहीं की गई। खेतों में पानी भर जाने से फसलें तबाह हो चुकी हैं और गांव डूबने का खतरा बना हुआ है। उनका कहना है कि यदि ड्रेन दोबारा टूटी तो आसपास के गांव भी प्रभावित हो सकते हैं। बीडीपीओ सांपला शिखा शहरावत ने बताया कि ड्रेन टूटने की सूचना पर वह करीब 10:30 बजे गांव समचाना पहुंची थी। ड्रेन एक तरफ से ओवरफ्लो थी और दूसरी ओर से टूट गई थी। सरपंच और विभाग के लोग ग्रामीणों के साथ लगे हुए थे। रेत के बोरे लगवा कर ड्रेन को ठीक कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि एसडीएम सांपला और वह खुद पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। सिंचाई विभाग के एक्सएन अरुण मुंजाल ने कहा कि विभागीय कर्मियों ने ग्रामीणों की मदद से तुरंत मरम्मत कराई। कमजोर स्थानों को दुरुस्त किया जा रहा है और जिले की नहरों का पानी फिलहाल बंद करवा दिया गया है।

सड़कें दरिया में तब्दील, मकान गिरने से नुकसान

चरखी दादरी के गांव रानीला में मंगलवार को तेज बारिश के कार गिरी मकान की छत। -निस

चरखी दादरी (हप्र) :

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लगातार हो रही बारिश के चलते चरखी दादरी शहर की सड़के जहां पानी का दरिया बन गई और वाहन चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं गांव रानीला में बारिश के बीच मकान गिर गया। हालांकि बड़ा हादसा होने से टल गया वहीं पास बंधे पशु बाल-बाल बच गए। बता दें कि चरखी दादरी जिला में बारिश को देखते हुए अलर्ट घोषित किया गया है। मौसम विभाग द्वारा भी आगामी दिनों में भारी बारिश का अंदेशा बताया है। मंगलवार को सुबह से चल रही बारिश के कारण सड़कों से लेकर गलियों तक पानी भर गया। जलभराव के बीच से लोगों को निकलने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं बारिश के बीच गांव रानीला में एक मकान गिर पड़ा। पशु बाल-बाल बच गए और बड़ा हादसा टल गया। हादसे के दौरान मकान बंद था, गिरने से मकान में रखा सामान क्षतिग्रस्त हो गया। बाद में पड़ोसियों ने मकान मालिक सतीश कुमार को सूचना दी। मकान मालिक ने बताया कि मकान में रखा काफी सामान खराब हो गया है।

बेरी के 40 गांवों में डूबी 9 हजार एकड़ फसल

झज्जर (हप्र) :

जिले में मानसूनी बरसात ने अपना कहर बरपा रखा है,लेकिन हलका बेरी के गांवों में किसानों की खड़ी फसल में तबाही का मंजर साफ देखने को मिल रहा है। हाल हीं में सम्पन्न हुए विस सत्र के दौरान पूर्व स्पीकर और बेरी हलके के सात बार के विधायक डाॅ.रघुबीर कादयान ने अपने विस क्षेत्र में किसानों की बरसात से तबाह हुई फसलों का दर्द बयां किया। डाॅ.कादयान की माने तो उन्होंने जलभराव की स्थिति का जायजा लेने के लिए 6 दर्जन गांवोें का दौरा किया है और वहां के हालात देखे है। बेरी के 40 गांवों में बरसात की विनाशलीला साफ तौर पर देखी गई है। डाॅ.कादयान का कहना है कि विस सत्र के शुरू होने से पहले तक बेरी विस के 40 गांवों में करीब 9 हजार एकड़ किसानों की फसल बरसाती पानी में पूरी तरह से डूबकर खराब हो चुकी है। हाल ही में उनके विस क्षेत्र के गांव दुल्हेड़ा में भी सौ एकड़ में खड़ी फसल के खराब होने की बात सामने आई है। उन्होंने कहा कि इस मानसूनी बरसात से तबाही का मंजर साफ तौर पर देखा जा सकता है। किसानों के चेहरे पर मायूसी है और हर कोई किसान सरकार की मदद की आस लगाए बैठा है। पूर्व स्पीकर ने कहा कि यह अच्छी बात है कि सरकार ने बर्बाद हुई फसलों का ब्यौरा लेने के लिए पोर्टल खोल दिया है। लेकिन वह यह भी कहते है कि खाली पोर्टल के खोलने से काम नहीं चलेगा। सरकार का फर्ज और कर्तव्य है कि वह इस दुख की घड़ी में किसानों के साथ खड़ी हो और उन्हें उनकी बर्बाद हुई फसल का मुआवजा समय रहते दे। उन्होंने कहा कि वह यह भी कहते है कि सरकार के हाथ किसान की तरफ मदद के लिए अग्रसर होने चाहिए। लेकिन यदि इसमें कोताही बरती जाती है तो अन्नदाता पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा।

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