चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों ने किया एक घंटा काम का बहिष्कार
स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सभी चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा सुबह 10 बजे से 11 बजे तक कार्य का बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान स्थानीय नागरिक अस्पताल की आपातकाली सेवाओं के अतिरिक्त नेत्ररोग ओपीडी, शीशु ओपीडी, नाक कान गला ओपीडी, वरिष्ठ नागरिक ओपीडी, सर्जरी ओपीडी, लैबोरेटरी, एक्सरे इत्यादि सभी पूर्ण रूप से बंद रही तथा सभी चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मी अपने-अपने कार्यस्थलों को छोडक़र नागरिक अस्पताल में गेट मीटिंग में उपस्थित हुए। गेट मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए हरियाणा सिविल मेडिकल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डा. जगमोहन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की सभी यूनियनों की तरफ से भी पहले जियो फेसिंग बेस्ड अटेंडेंस मैनेजमेंट सिस्टम के निर्णय को वापस लेने की मांग को लेकर सरकार व विभाग के उच्चाधिकारियों को ज्ञापन भेजे जा चुके हैं तथा गत 28 जुलाई को सभी जिलों में चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा काले बिल्ले लगाकर आदेशों को वापस लेने की मांग कर चुके हैं। इसके बावजूद उक्त आदेश को वापस नही लिया गया।
अनुबंधित स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष भूपेश पालीवाल ने बताया कि जब स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी बायोमैट्रिक आधारित अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं तो जियो फेसिंग सिस्टम के तहत उपस्थिति दर्ज करवाने का कोई औचित्य नहीं है। अंत में सभी प्रदर्शन करते हुए सिविल सर्जन नारनौल के कार्यालय में पहुंचे तथा उन्हें अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग, चंडीगढ़, मिशन निदेशक (एनएचएम) पंचकुला व महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं के नाम ज्ञापन सौंपा।