अंधविश्वास के चलते नहरों में न डालें पूजन सामग्री
उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह ने नागरिकों से नहरों का पानी दूषित न करने का आह्वान किया है। उपायुक्त ने दिल्ली रोड़ स्थित जवाहर लाल नेहरू कैनाल का निरीक्षण किया और वहां मौजूद ‘सुनो नहरों की पुकार’ मिशन से जुड़े लोगों से इस विषय पर विस्तार से बातचीत की। धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि नहरों और नदियों का पानी दूषित करना एक गंभीर समस्या है, जिससे स्वास्थ्य, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि नहरों के पानी को साफ रखने के लिए सामूहिक प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि नहरों में पूजा-सामग्री या अन्य किसी भी प्रकार का कचरा नहरों में न डालें।
उपायुक्त ने कहा कि अंधविश्वास से ऊपर उठकर अपने कर्तव्यों का पालन करें। पेयजल से मनुष्य, पशु व पक्षियों के स्वास्थ्य का सीधा जुड़ाव है। उन्होंने कहा कि नहरों का पानी समुद्र में न मिलकर हमारे गांवों, फसलों व शहरों के जल घरों में पहुंचता है। उन्होंने कहा कि जब झीलों, नहरों, नदियों, समुद्र तथा अन्य जल निकायों में विषैले पदार्थ प्रवेश करते हैं और यह इनमें घुल जाते है अथवा पानी में पड़े रहते हैं या नीचे इकट्ठे हो जाते हैं, परिणामस्वरूप जल प्रदूषित हो जाता है और इससे जल की गुणवत्ता में कमी आ जाती है तथा जलीय पारिस्थिति की प्रणाली प्रभावित होती है।
उन्होंने कहा कि जल ही जीवन है, इसलिए अपने जल स्त्रोतों को साफ रखना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। सुनो नहरों की पुकार मिशन के संस्थापक मुख्य संरक्षक डॉ. जसमेर सिंह व संरक्षक दीपक छारा ने उपायुक्त का स्वागत किया और बताया कि नहरों के जल की शुद्धता और स्वच्छता के लिए मिशन सदस्य पिछले तीन साल 11 महीने से लगातार कार्य कर रहे हैं। वे नहरों के आसपास तथा अंदर की सफाई भी करते हैं। लोगों को कुछ भी सामान प्रवाहित न करने के प्रति प्रेरित भी करते हैं, जिसका कुछ असर अब दिखने भी लगा है।