अनुसंधान और नवाचार के बिना प्रतिस्पर्धा में बने रहना मुश्किल : राज नेहरू
समारोह में स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए एसजीटी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. हेमंत वर्मा ने विश्वविद्यालय की उस दूरदृष्टि पर प्रकाश डाला, जिसके तहत वैज्ञानिक जिज्ञासा और नवाचार आधारित विकास को प्रोत्साहित करने वाला सशक्त इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है।
प्रो. शालिनी कपूर, निदेशक, आरएंडडी सेल ने सीएसआईएफ की स्थापना के पीछे की रणनीतिक सोच साझा की और बताया कि यह सुविधा विभिन्न विषयों में उन्नत अनुसंधान को सक्षम बनाएगी। सीएसआईएफ लैब की इंचार्ज डॉ. स्नेह लता ने आधुनिक उपकरणों और अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तृत परिचय दिया, जो शोधकर्ताओं और विद्वानों को अत्याधुनिक टूल्स एवं तकनीक का उपयोग करने में सक्षम बनाएगा।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण प्रो. राज नेहरू द्वारा ली गई मास्टर क्लास रही। उन्होंने कई उदाहरण देते हुए बताया कि उच्च शिक्षा में अनुसंधान, नवाचार और कौशल विकास के एकीकरण का कितना महत्व है। हर क्षेत्र और विषय में कड़ी प्रतिस्पर्धा है। हम एआई के दौर से गुजर रहे हैं। अब अनुसंधान, स्किल डेवलपमेंट और नवाचार के बिना प्रतिस्पर्धा में बने रहना बहुत कठिन है।
इस अवसर पर सीएसआईएफ के ब्रॉशर और वेबसाइट का भी औपचारिक शुभारंभ किया गया, जो अनुसंधान और वैज्ञानिक उत्कृष्टता की दिशा में एसजीटी यूनिवर्सिटी की नई यात्रा का प्रतीक है।
उद्घाटन के बाद अतिथियों ने सीएसआईएफ लैब, मेडिकल कोबोटिक्स सेंटर और नेशनल रेफरेंस सिमुलेशन सेंटर (एनआरएससी) का भ्रमण किया। ये सभी केंद्र विश्वविद्यालय के बहुविषयक अनुसंधान, अनुभवात्मक शिक्षण और तकनीकी-संचालित शिक्षा पर मजबूत फोकस को दर्शाते हैं। इस अवसर प्रो. हेमंत वर्मा ने कहा कि सीएसआईएफ केवल एक सुविधा नहीं है। यह एक ऐसा मंच है जो शोधकर्ताओं, फैकल्टी और विद्यार्थियों को ज्ञान की सीमाओं को आगे बढ़ाने और नवाचार के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान करने के लिए सक्षम बनाएगा।
