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डीएलएफ के 2200 मकानों की तोड़फोड़, सीलिंग पर सुप्रीम कोर्ट की रोक से राहत

गुरुग्राम, 4 अप्रैल (हप्र) सुप्रीम कोर्ट ने डीएलएफ फेज एक से पांच के 2200 मकानों पर तोड़फोड़ और सीलिंग की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। जिससे स्थानीय निवासियों ने राहत की सांस ली। शुक्रवार सुबह 11 बजे डीटीपीई अमित...
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गुरुग्राम, 4 अप्रैल (हप्र)

सुप्रीम कोर्ट ने डीएलएफ फेज एक से पांच के 2200 मकानों पर तोड़फोड़ और सीलिंग की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। जिससे स्थानीय निवासियों ने राहत की सांस ली। शुक्रवार सुबह 11 बजे डीटीपीई अमित मधोलिया अपनी चार टीमें, 200 पुलिसकर्मियों और चार ड्यूटी मजिस्ट्रेट के साथ डीएलएफ फेज तीन पहुंचे थे। ठीक आधे घंटे बाद सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई और दोपहर 12 बजे कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दे दिया। आदेश मिलते ही कार्रवाई रोक दी गई और पूरी टीम वापस लौट गई। डीएलएफ कुतुब एन्क्लेव आरडब्ल्यूए द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह और एडवोकेट अनुज सक्सेना ने दलील दी कि 2008 के बाद से यह क्षेत्र नगर निगम के अधीन आ चुका है और अब कोई भी कार्रवाई केवल नगर निगम ही कर सकता है। कोर्ट ने इस दलील को स्वीकारते हुए फिलहाल किसी भी तरह की तोड़फोड पर रोक लगा दी। डीटीपीई की कार्रवाई से डरे-सहमे हजारों निवासियों की निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी थीं। जैसे ही यथास्थिति बनाए रखने का आदेश आया, आरडब्ल्यूए अध्यक्ष बलजीत सिंह राठी ने इसे न्याय की जीत बताया। उन्होंने कहा कि यह आदेश उन लोगों के लिए राहत है, जो पिछले कई दिनों से मानसिक तनाव झेल रहे थे। सालों पुराने घरों को अवैध बताकर तोड़ने की धमकी दी जा रही थी। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 13 फरवरी को अवैध निर्माण और व्यावसायिक गतिविधियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इसी आधार पर डीटीपीई ने 2200 मकानों के ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट रद्द कर दिये।

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