विधानसभा में गूंजी बीके अस्पताल को रेफर-मुक्त बनाने की मांग
फरीदाबाद रेफर मुक्त संघर्ष समिति की वर्षों पुरानी मांग को अहम मजबूती तब मिली जब एनआईटी विधायक सतीश फागना ने हरियाणा विधानसभा में बीके अस्पताल को रेफर-मुक्त घोषित करने का मुद्दा प्रमुखता से रखा। उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या अस्पताल को आधुनिक सुविधाओं से लैस कर फरीदाबादवासियों को दिल्ली रेफरल से मुक्ति दिलाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है और इसके क्रियान्वयन की समयसीमा क्या है।
स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती राव ने जानकारी दी कि सिविल अस्पताल माध्यमिक स्तर की सेवाएं उपलब्ध कराते हैं, जबकि तृतीयक सेवाओं की जिम्मेदारी मेडिकल कॉलेजों की होती है। बीके अस्पताल 200 बिस्तरों वाला सिविल अस्पताल है, जिसे राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों (एनक्यूएएस) से प्रमाणित किया गया है। यहां सुव्यवस्थित प्रसव कक्ष, मुस्कान प्रमाणित नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू), 35 विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा ओपीडी-आईपीडी सेवाएं, 6-6 बिस्तरों वाले आईसीयू व एचडीयू, मॉड्यूलर ओटी, लैप्रोस्कोपी व जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी, डायलिसिस और सी-आर्म जैसी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। साथ ही डीआईपीएचएल लैब, एक्स-रे, यूएसजी, सीटी स्कैन, एमआरआई और पूर्ण रक्त बैंक भी संचालित हैं।
संघर्ष समिति ने जताई खुशी
सेवाओं को और सुदृढ़ करने के लिए 14 अगस्त 2025 को 200 बिस्तरों वाले एमसीएच ब्लॉक की आधारशिला रखी गई है। विधायक फागना की पहल पर संघर्ष समिति ने संयोजक सतीश चोपड़ा के नेतृत्व में खुशी जताई। उन्होंने कहा कि पूर्व रणजी खिलाड़ी संजय भाटिया के मार्गदर्शन में 272 दिन से आंदोलन जारी है। अब ट्रॉमा सेंटर और मेडिकल कॉलेज को अपग्रेड करने की मांग भी उठनी चाहिए, ताकि गरीब वंचितों को नि:शुल्क व संपूर्ण इलाज मिल सके। संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती राव और विधायक फागना का आभार जताया और भरोसा जताया कि शेष मांगें भी जल्द पूरी होंगी।