एमडीयू में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया और शोध छात्रवृत्ति सुधार की मांग तेज, बुलाई समीक्षा बैठक
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया और शोध छात्रवृत्ति से जुड़े मुद्दों को लेकर छात्रों ने आवाज तेज कर दी है। शनिवार को एमडीयू संयुक्त छात्र समिति के प्रतिनिधियों ने कुलसचिव को ज्ञापन सौंपकर प्रवेश प्रक्रिया में सुधार और शोधार्थियों को समान छात्रवृत्ति देने की मांग उठाई। दूसरी ओर, बढ़ते छात्र विरोध को देखते हुए कुलपति प्रो. राजबीर सिंह की अध्यक्षता में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया पर समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए गए।
एमडीयू संयुक्त छात्र समिति में इनसो, एएसएपी, एसएफआई, छात्र एकता मंच, एआईडीएसओ सहित कई छात्र संगठन शामिल हैं। प्रतिनिधिमंडल ने कुलसचिव डॉ. कृष्णकांत को सौंपे गए ज्ञापन में कहा कि पीएचडी प्रवेश परीक्षा में 50 प्रतिशत न्यूनतम अंक और नेगेटिव मार्किंग यूजीसी मानकों के विपरीत हैं। छात्रों के अनुसार, इन प्रावधानों के चलते बड़ी संख्या में विद्यार्थी प्रवेश से वंचित रह जाते हैं और कई विभागों में सीटें खाली रह जाती हैं। उन्होंने मांग की कि इन नियमों को तुरंत समाप्त किया जाए।
पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में भेदभाव के आरोप
इसके साथ ही, शोध छात्रवृत्ति (यूआरएस) में पुराने और नए शोधार्थियों के बीच अंतर को भेदभावपूर्ण बताया गया। छात्र नेताओं ने कहा कि नए ऑर्डिनेंस में नए शोधार्थियों के लिए अधिक राशि और पुराने शोधार्थियों के लिए कम राशि निर्धारित की गई है, जो असमानता है। सभी शोधार्थियों के लिए समान छात्रवृत्ति लागू करने की मांग दोहराई गई। छात्रों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन तेज किया जाएगा। इस दौरान विशेष अहलावत, अनुराग कंडोला, उदय, रितिक, अंशुल, हर्ष, कपिल, साहिल चांवरिया, रॉबिन मलिक सहित कई छात्र उपस्थित थे।
कुलपति ने बुलाई बैठक
उधर, कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया को लेकर महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की, जिसमें डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. एस.सी. मलिक, रजिस्ट्रार डॉ. कृष्णकांत, डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रो. हरीश दुरेजा और सभी विभागाध्यक्ष शामिल रहे। कुलपति ने स्पष्ट निर्देश दिए कि पीएचडी अध्यादेश और प्रॉस्पेक्टस में निर्धारित नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए तथा आरक्षण रोस्टर का सही अनुपालन सुनिश्चित हो। प्रवेश समितियों का गठन भी पूरी पारदर्शिता और नियमों के अनुसार करने पर जोर दिया गया।
बैठक में अभ्यर्थियों और अभिभावकों के लिए बैठने, पेयजल और अन्य आवश्यक सुविधाओं की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। कुलपति ने साक्षात्कार प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और मेरिट आधारित रखने पर बल दिया। बैठक में यह भी बताया गया कि डीआरडी के प्रतिनिधियों के नाम विभागों को पहले ही भेजे जा चुके हैं। अंत में प्रो. एस.सी. मलिक ने उच्च शैक्षणिक मानकों के अनुरूप श्रेष्ठ अभ्यर्थियों के चयन का आह्वान किया।
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