बस में हुई डिलीवरी, चालक की सूझबूझ से जान बची
बस में सफर कर रही एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा उठी और उसने बस में ही बच्चे को जन्म दे दिया। चालक सूझ-बूझ का परिचय देते हुए बस को निकटवर्ती अस्पताल ले गया। डॉक्टरों ने भी बिना देरी किए जच्चा बच्चा को संभाला। दोनों स्वस्थ हैं और 2 बेटियों पर तीसरा बेटा पाकर पूरा परिवार खुश है। हुआ यह कि यूपी के जिला कासगंज का दीपक बावल के गांव बनीपुर में किराये के मकान में रहता है। यहां वह पत्नी दीवांशी, माँ मुन्नी देवी, बहन व दो छोटी छोटी बेटियों के साथ रहता है। वह यहां की एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता है। गर्भवती दीवांशी को बच्चा होने वाला था। वह अपने पति सास व ननद के साथ शनिवार को चेकअप हेतु रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल आई थी। लेकिर यहां डॉक्टरों ने उसे बताया कि डिलीवरी में अभी दस-पन्द्रह दिन लगेंगे। शाम सात बजे रेवाड़ी से टेम्पो द्वारा वे बावल मोड़ पर पहुंचे और यहां से गांव जाने के लिए प्राइवेट बस में सवार हुए। रास्ते में दीवांशी को अचानक तेज प्रसव पीड़ा होने लगी। इससे पहले कि उसे अस्पताल पहुंचा पाते उसने महिला सवारियों व सास की मदद से बस में ही एक बच्चे को जन्म दे दिया। बस के चालक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत बस को निकटवर्ती गांव जलियावास के निजी अस्पताल के बाहर ले जाकर खड़ा कर दिया। सूचना मिलते ही अस्पताल के डॉक्टर दौड़े और दीवांशी को डिलीवरी वार्ड में भर्ती कराकर दोनों को संभाला। अस्पताल के डॉ. नरेंद्र कुमार यादव व करण कालरा ने कहा कि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। इधर दादी मुन्नी देवी गोद में पोते को लेकर इतराती दिखाई दी। दीपक के पहले 2 बेटियां हैं और तीसरी संतान पाकर वह खुश हैं।