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हरियाणा में मेडिकल अफसर भर्ती प्रक्रिया में देरी, उम्मीदवारों में बढ़ रही चिंता

गुरुग्राम, 8 जनवरी। (हप्र)। हरियाणा सरकार द्वारा 777 मेडिकल अफसरों की भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों में असमंजस और मानसिक तनाव की स्थिति पैदा हो रही है। यह परीक्षा पहले 3 सितंबर 2024 को आयोजित होनी थी,...
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गुरुग्राम, 8 जनवरी। (हप्र)।

हरियाणा सरकार द्वारा 777 मेडिकल अफसरों की भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों में असमंजस और मानसिक तनाव की स्थिति पैदा हो रही है। यह परीक्षा पहले 3 सितंबर 2024 को आयोजित होनी थी, लेकिन इसे स्थगित कर 1 दिसंबर 2024 को कराया गया। परीक्षा का परिणाम 6 दिसंबर, 2024 को जारी किया गया, लेकिन इसके बाद से अब तक दस्तावेज़ सत्यापन और नियुक्ति सूची जारी करने की कोई सूचना नहीं आई है।

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इस बारे में अभ्यर्थियों राम कुमार और शेर सिंह का कहना है कि यह प्रक्रिया लगातार देरी का शिकार हो रही है, जिससे उनका पेशेवर भविष्य अनिश्चितता में फंसा हुआ है। इस देरी से न केवल उम्मीदवार मानसिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में आवश्यक सेवाओं का भी नुकसान हो रहा है। अभ्यर्थियों ने हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग निदेशक को mail लिखकर भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने का आग्रह किया है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा, ‘हमें उम्मीद थी कि परीक्षा और परिणाम के तुरंत बाद दस्तावेज़ सत्यापन और नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी। लेकिन एक महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है। हम आपसे निवेदन करते हैं कि जल्द से जल्द नियुक्ति सूची जारी करें ताकि हम राज्य के नागरिकों की सेवा कर सकें।’

इसके साथ ही, सोशल मीडिया पर भी अभ्यर्थियों ने अपनी आवाज उठाई है। एक्स के माध्यम से उन्होंने कहा,’परीक्षा पहले 3 सितंबर, 2024 को होनी थी फिर स्थगित होकर 1 दिसंबर, 2024 को हुई। परिणाम 6 दिसंबर, 2024 को आया और अब एक महीना बीत चुका है, लेकिन दस्तावेज़ सत्यापन की तारीख अभी तक तय नहीं है।’

अभ्यर्थियों का मानना है कि नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाकर राज्य सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में खाली पदों को भरने में मदद कर सकती है। यह न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाएगा बल्कि उन युवा डॉक्टरों के भविष्य को भी सुरक्षित करेगा जो जनता की सेवा के लिए तैयार हैं।

उन्होंने कहा कि यदि समय पर भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं की गई तो राज्य के अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी हो सकती है, जिससे एच्एमपीवी और अन्य संक्रमणों से निपटना मुश्किल हो जाएगा।

अभ्यर्थियों ने सरकार को चेतावनी दी कि देरी के कारण राज्य को कोविड जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने उन्हें इस बारे में भरोसा दिया था लेकिन उसके मुताबिक भी कोई कदम नहीं उठा है।

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