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डीसी अजय कुमार ने शीतला माता मंदिर निर्माण कार्य की समीक्षा की, तेज़ी लाने के दिए निर्देश

गुरुग्राम, 12 मई (हप्र) श्री माता शीतला देवी श्राइन बोर्ड के प्रशासक एवं उपायुक्त (डीसी) अजय कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को मंदिर परिसर में बन रहे बहुमंजिला भवन निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक...
गुरुग्राम में सोमवार को उपायुक्त एवं श्री माता शीतला देवी श्राइन बोर्ड के प्रशासक अजय कुमार मंदिर परिसर में बन रहे बहु मंजिला भवन के निर्माण कार्य की प्रगति के लिए बैठक करते हुए ।- हप्र
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गुरुग्राम, 12 मई (हप्र)

श्री माता शीतला देवी श्राइन बोर्ड के प्रशासक एवं उपायुक्त (डीसी) अजय कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को मंदिर परिसर में बन रहे बहुमंजिला भवन निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। यह बैठक लघु सचिवालय स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में हुई, जिसमें श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), एसडीएम बादशाहपुर अंकित चौक से, नगर निगम, मंदिर प्रबंधन समिति और निर्माण एजेंसी के अधिकारी उपस्थित रहे।

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बैठक के दौरान डीसी अजय कुमार ने कहा कि शीतला माता मंदिर का नवनिर्माण कार्य राज्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल है और श्रद्धालुओं की आस्था तथा सुविधा को ध्यान में रखते हुए इसे निर्धारित समयसीमा के भीतर गुणवत्ता के साथ पूर्ण किया जाना अत्यंत आवश्यक है।

उन्होंने निर्माण से जुड़े विभिन्न पहलुओं की विस्तार से समीक्षा की, जिसमें शिखर डिजाइनों की तकनीकी जांच, निर्माण की ड्रॉइंग्स, स्टोन क्लैड्डिंग एवं कार्यों की निविदा प्रक्रिया, मेला ग्राउंड पार्किंग क्षेत्र का पुनर्विकास, प्रसाद वितरण केंद्र, कैफेटेरिया, रेस्ट एरिया और फुट ओवर ब्रिज के एस्टीमेट शामिल रहे।

मंदिर परिसर में लगभग 4.8 एकड़ भूमि पर नया बहुमंजिला भवन निर्माणाधीन है, जिसके सितंबर 2026 तक पूर्ण होने की संभावना है। इस भवन में श्रद्धालुओं के लिए योग मंडप, ध्यान हॉल, तीर्थ कुंड, ओपन एयर थिएटर, बच्चों के लिए पार्क, सॉलिड ट्रीटमेंट प्लांट तथा एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

डीसी अजय कुमार ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे नियमित समन्वय और निगरानी के जरिए सभी कार्यों की समय-सीमा और गुणवत्ता सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि यह परियोजना न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसकी सफलता के लिए सभी अधिकारियों को पूरी तत्परता और जिम्मेदारी से कार्य करना होगा।

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