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गुरुग्राम में देश की पहली क्यूआर कोड आधारित चालान भुगतान कियोस्क मशीन का शुभारंभ

नागरिकों की सुविधा और समय की बचत को ध्यान में रखते हुए गुरुग्राम पुलिस ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। पुलिस उपायुक्त (यातायात) डॉ. राजेश मोहन ने एंबियंस मॉल में देश की पहली चालान भुगतान कियोस्क मशीन का उद्घाटन किया।...
गुरुग्राम में देश की पहली चालान भरने वाली कियोस्क मशीन का उद्घाटन करते पुलिस आयुक्त। - हप्र
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नागरिकों की सुविधा और समय की बचत को ध्यान में रखते हुए गुरुग्राम पुलिस ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। पुलिस उपायुक्त (यातायात) डॉ. राजेश मोहन ने एंबियंस मॉल में देश की पहली चालान भुगतान कियोस्क मशीन का उद्घाटन किया। यह मशीन लोगों को अपने लंबित ट्रैफिक चालानों की जानकारी प्राप्त करने और तत्काल भुगतान करने की सुविधा प्रदान करेगी।

इस कार्यक्रम का आयोजन नारायण हॉस्पिटल चैरिटेबल ट्रस्ट और एंबियंस मॉल प्रबंधन के सहयोग से किया गया। इस अवसर पर नारायण हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. अजय कोहली, सुमन राय, विजय ईमा (प्रेजिडेंट, एंबियंस मॉल ग्रुप), यातायात निरीक्षक नीरज कुमार व आसीन खान, यातायात पुलिस के अधिकारी-कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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कार्यक्रम के दौरान गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस द्वारा चयनित 8 ट्रैफिक हीरो को पुलिस उपायुक्त यातायात ने प्रशंसा-पत्र और नारायण हॉस्पिटल की ओर से गिफ्ट हैंपर देकर सम्मानित किया। डॉ. मोहन ने अपने संबोधन में कहा कि भारत में हर वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में लाखों लोगों की जान जाती है।

इसलिए सभी को यातायात नियमों की पालना करनी चाहिए और परिजनों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने बताया कि ‘चालान नहीं, सलाह मिलेगा’ अभियान लोगों के व्यवहार में बदलाव लाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है, ताकि भविष्य में वे नियमों का उल्लंघन न करें। सीएसआर पहल के तहत एंबियंस मॉल में लगाई गई यह कियोस्क मशीन देश की पहली क्यूआर कोड आधारित चालान भुगतान प्रणाली है।

वाहन चालक इसमें अपने वाहन नंबर डालकर क्यूआर कोड स्कैन कर लंबित चालानों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और वहीं भुगतान भी कर सकते हैं। हालांकि 90 दिन से पुराने या न्यायालय में भेजे गए चालानों का भुगतान इस मशीन से नहीं हो सकेगा। डॉ. मोहन ने बताया कि इस परियोजना की सफलता के बाद शहर के अन्य प्रमुख स्थानों पर भी ऐसी मशीनें लगाई जाएंगी।

इससे न केवल नागरिकों को डिजिटल सुविधा मिलेगी बल्कि पुलिस विभाग का कार्यभार भी कम होगा। यह नई प्रणाली एटीएम की तरह यूज़र-फ्रेंडली है और शॉपिंग मॉल जैसे व्यस्त स्थानों पर आने वाले लोगों के लिए अत्यंत लाभदायक सिद्ध होगी। गुरुग्राम पुलिस की यह पहल देशभर में डिजिटल ट्रैफिक प्रबंधन की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत करती है।

 

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