देश की पहली महिला ड्रोन पायलट टीम की शुरुआत, 500 पायलट बनाने का लक्ष्य
गुरुग्राम, 4 मार्च (हप्र)
विमानन और लॉजिस्टिक्स में स्काई एयर मोबिलिटी ने गुरुग्राम में देश की पहली महिला ड्रोन पायलट टीम की शुरुआत की है। भविष्य में 500 महिला ड्रोन पायलट बनाने का भी लक्ष्य रखा गया है। यहां एक विशेष कार्यक्रम में 10 महिला ड्रोन पायलट्स और स्काई वॉकर्स ने अपनी मालिकाना ड्रोन डिलिवरी का उपयोग किया। दवाओं और किरयाने के सामान से लेकर आईफोन तक की निर्बाध, एंड-टू-एंड डिलीवरी की।
ड्रोन चलाने से लेकर आवश्यक सामग्री को उसके गंतव्य तक पहुंचाने की पूरी प्रक्रिया को केवल महिलाओं द्वारा किया गया। यह पूरी तरह से महिला-नेतृत्व वाले ड्रोन लॉजिस्टिक्स में दुनिया की पहली उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।
बढ़ रही है प्रशिक्षित पायलट की मांग
ड्रोन उद्योग के तेजी से बढ़ने के साथ कुशल पायलट्स की मांग बढ़ रही है, जिससे महिलाओं के लिए बाधाओं को तोड़ते हुए इस उभरते पेशे में नेतृत्व के नए रास्ते खुल रहे हैं। वैश्विक स्तर पर ड्रोन एविएशन में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ रहा है। अमेरिका में एफएए रिमोट पायलट सर्टिफिकेट रखने वाली महिलाओं की संख्या 2016 में 3.9 प्रतिशत से लगभग दोगुनी होकर 2019 में 6.7 प्रतिशत हो गई है। भारत यह सुनिश्चित करने के लिए साहसिक कदम उठा रहा है कि महिलाएं इस परिवर्तन में सबसे आगे हो। महिला-पुरुष के बीच के अंतर को पाटने और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए शैक्षिक कार्यक्रम और कौशल-आधारित प्रशिक्षण विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
नमो ड्रोन दीदी से प्रेरित
स्काई एयर मोबिलिटी के संस्थापक और सीईओ अंकित कुमार का कहना है कि ड्रोन लॉजिस्टिक्स में महिलाओं की क्षमता को पहचानते हुए स्काई एयर मोबिलिटी ने अगले दो वर्षों में 500 महिला पायलट और स्काई वॉकर्स को प्रशिक्षित किया जाएगा। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नमो ड्रोन दीदी की भावना से भी मेल खाती है। उन्होंने कहा कि शहरी लॉजिस्टिक्स में अभूतपूर्व गति से विकास हो रहा है। अकेले गुरुग्राम ने फरवरी 2025 में 1.5 लाख ड्रोन डिलीवरी दर्ज की है, जिसमें आईफोन से लेकर दैनिक किरयाने का सामान शामिल है।
