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पार्षदों ने पत्नी और पुत्र वधू को दिला दिये बीपीएल प्लाॅट, जांच शुरु हुई तो दे दिया रद्द करने का आवेदन!

डीएमसी ने 14 अक्तूबर को किया तलब
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झज्जर नगर परिषद के दो पार्षदों ने गरीब जनता को दिए जाने वाले बीपीएल प्लाट अपनी पत्नी को और एक ने अपनी पुत्र वधू को दिला दिया। बाकायदा इस काम के लिए गरीब होने के शपथ पत्र भी दिए गए। अब किसी ने इनकी शिकायत चंडीगढ़ में सरकार को की तो जांच के लिए शिकायत परिषद के डीएमसी के पास आई। डीएमसी ने दोनों पार्षदों के परिजनों को जांच के लिए 14 अक्तूबर को बुलाया है लेकिन मामले की जांच शुरू होती उससे पूर्व नोटिस मिलते ही वार्ड-7 के पार्षद की पत्नी की तरफ से उसका प्लाॅट रद्​द करने और प्लॉट को सरेंडर करने के लिए नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी को आवेदन किया गया है। मामला वार्ड नंबर-7 के पार्षद की पत्नी और वार्ड-18 के पार्षद की पुत्र वधू का है। दोनों पार्षदों को बीपीएल स्कीम में लाभ लेने के लिए नोटिस डीएमसी की तरफ से जारी किया गया है। यहां यह भी बताना मुनासिब होगा कि पिछले दिनों जब यह मामला उजागर हुआ था तो उस दौरान शहर के राजनीतिक और सामाजिक लोगों ने इसकी निंदा करते हुए इसकी जांच की मांग उठाई थी।

उधर पता यह भी चला है कि जिन पार्षद ने बीपीएल स्कीम के तहत प्लाॅट का लाभ अपने परिवार को दिलाया है उसमें से एक पार्षद ने तो अपना पार्षद पद का नामांकन भरते समय जो शपथ पत्र में ब्यौरा दिया था उसमें उसने अपनी पत्नी के नाम काफी चल और अंचल सम्पति भी दिखाई थी। लेकिन बाद में जब बीपीएल की बात आई तो इसके लिए गरीब होने का भी शपथ पत्र दे दिया गया। अब देखना यह होगा कि इस मामले में डीएमसी द्वारा जो नोटिस भेजकर संबंधित पार्षदों की पत्नी व पुत्रवधु को तलब किया गया है,उनकी जांच कहां तक तथ्यों के आधार पर की जाती है।

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यह बोले डीएमसी

डीएमसी झज्जर डाॅ.सुशील कुमार ने कहा कि चंडीगढ़ स्थित निकाय विभाग से इस मामले में वार्ड नम्बर-7 के पार्षद की पत्नी और वार्ड नंबर-18 के पार्षद की पुत्रवधु के खिलाफ शिकायत आई थी। उसी आधार पर दोनों को 14 अक्तूबर को बुलाया गया है। स्कीम का लाभ लेने और संबंधित सभी दस्तावेजों के साथ दोनों को उनके कार्यालय में आना होगा।

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