निगम अधिकारियों ने वेस्ट मैनेजमेंट एक्सपर्ट से समझा इंदौर मॉडल
नगर निगम गुरुग्राम में स्वच्छता एवं कचरा प्रबंधन को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें इंदौर से आए वेस्ट मैनेजमेंट एक्सपर्ट मोहन पांडे ने निगम अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की। यह बैठक उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह की पहल एवं निमंत्रण पर आयोजित की गई।
बैठक में अतिरिक्त निगमायुक्त रविन्द्र यादव, संयुक्त आयुक्त (स्वच्छ भारत मिशन) डा. प्रीतपाल सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
इंदौर में बीते वर्षों में लागू किए गए सफल सफाई मॉडल, कचरा प्रबंधन प्रणाली, प्रशासनिक ढांचे और सेग्रीगेशन व्यवस्था का प्रस्तुतीकरण किया गया। निगम अधिकारियों ने गुरुग्राम में चल रही मौजूदा व्यवस्था तथा आगामी योजनाओं की जानकारी एक्सपर्ट के साथ साझा की।
वेस्ट मैनेजमेंट एक्सपर्ट मोहन पांडे ने अपनी कंपनी इंटरनेशनल वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा इंदौर नगर निगम में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इंदौर में सफाई कार्य के लिए लगभग 11,500 सफाई कर्मचारी तैनात हैं, जिनमें से 9,000 निगम के तथा 3,500 कर्मचारी उनकी कंपनी के हैं। इसके अलावा, मैनुअल सफाई के साथ-साथ शहर में बड़े स्तर पर मैकेनाइज्ड स्वीपिंग भी होती है। उनकी कंपनी प्रतिदिन 800 किलोमीटर सडक़ों की मशीनों से सफाई कराती है। उन्होंने बताया कि इंदौर में घर-घर से केवल सेग्रिगेट कचरा ही एकत्रित किया जाता है, जिसे छह अलग-अलग श्रेणियों में बांटा जाता है। यह प्रणाली इंदौर को लगातार स्वच्छता रैंकिंग में शीर्ष पर बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सफाई के लिए जल्द ही नए टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे।
बैठक के दौरान अतिरिक्त निगमायुक्त रविन्द्र यादव ने गुरुग्राम में कचरा संग्रहण और सफाई प्रणाली की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में शहर में 400 वाहन घर-घर से कचरा एकत्रित करने के कार्य में लगे हुए हैं। नई आरएफपी फाइनल हो गई है और जल्द ही इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि गुरुग्राम में इस समय 14 सेकेंडरी कलेक्शन प्वाइंट बनाए गए हैं, जहां से कचरे को उठाकर बंधवाड़ी भेजा जाता है। मैकेनाइज्ड सफाई को लेकर उन्होंने बताया कि रात्रि के समय शहर में 18 मशीनें सडक़ों की सफाई कर रही हैं। शहर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए नगर निगम द्वारा लगातार प्रयास किए
जा रहे हैं।
