दशहरा ग्राउंड को ठेके पर देने को लेकर विवाद
दशहरा ग्राउंड में राजस्थान और मध्यप्रदेश से मेला लगाने आए दुकानदारों और झूले वालों को नगर निगम ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। जिसे लेकर महिलाओं और लोगों ने जमकर विरोध किया। नगर निगम अफसरों का कहना है कि इस बार टेंडर निकाला गया था, जिसे एक ठेकेदार ने लिया है। ग्राउंड में जो भी दुकानें लगेंगी वह ठेकेदार की मंजूरी के बाद ही लग पाएंगी।
दशहरा ग्राउंड में दशहरे से पहले ही मेला शुरू हो जाता है, जो दशहरा वाले दिन समाप्त होता है।
राजस्थान के रहने वाले महेश ने बताया कि 40 साल से उनका परिवार हर बार यहां पर आकर दशहरे मेले में दुकान लगाता था, लेकिन इस बार निगम के अधिकारियों ने मेले का निजीकरण कर दिया है। ग्राउंड को ठेके पर दे दिया है, अब 500 रुपए में लगने वाली दुकान के लिए 5 हजार रुपए देने होंगे। अभी तक वो 500 रुपए की पर्ची कटवाकर दुकान लगाते हुए आ रहे थे।
नगर निगम के जेई हर्ष ने बताया कि निगम की तरफ से इस बार टेंडर जारी कर मेला ग्राउंड को ठेके पर दिया गया है। ठेकेदार को ये ग्राउंड करीब 22 लाख रुपए में दिया गया है। अब ठेकेदार के माध्यम से यहां पर दुकानें लगायी जा सकती हैं।