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संविधान केवल कानूनी किताब नहीं, राष्ट्र की आत्मा है : रुद्राक्ष मिड्ढा

जींद के चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय (सीआरएसयू) के सभागार में बुधवार को जिला स्तरीय संविधान दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष डाॅ. कृष्ण मिड्ढा के प्रतिनिधि के तौर पर उनके बेटे रुद्राक्ष मिड्ढा ने मुख्य अतिथि...

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सीआरएसयू में संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मौजूद मुख्यातिथि और अन्य। -हप्र
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जींद के चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय (सीआरएसयू) के सभागार में बुधवार को जिला स्तरीय संविधान दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष डाॅ. कृष्ण मिड्ढा के प्रतिनिधि के तौर पर उनके बेटे रुद्राक्ष मिड्ढा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसके बाद ‘भारत का संविधान’ नामक एक लघु फिल्म का भी प्रसारण किया गया। मुख्य अतिथि रुद्राक्ष मिड्ढा ने अपने संबोधन में कहा कि संविधान केवल कानूनी किताब नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र की आत्मा है।

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संविधान हमें एक सूत्र में पिरोता है, हमारे अधिकारों की रक्षा करता है, और प्रत्येक नागरिक को समान अवसर प्रदान करने की शक्ति देता है। रुद्राक्ष मिड्ढा ने आगे कहा कि भारत सिर्फ मिट्टी का टुकड़ा नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की साझा धड़कन है। उन्होंने कहा, ‘संविधान ने भारत को एक दिशा, एक ताकत और एक पहचान दी है। इसके मार्ग पर चलते हुए देश ने शिक्षा, विकास, तकनीकी और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए हैं।’

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उन्होंने अंत में कहा कि आज भारत की शक्ति केवल उसकी भौगोलिक सीमाओं में नहीं, बल्कि उसके नागरिकों की एकता, सहयोग और सहभागिता में निहित है। उन्होंने 26 नवंबर 1949 के ऐतिहासिक दिन को याद करते हुए कहा कि हम उस दिन का उत्सव मना रहे हैं, जिसने भारत को एक लोकतांत्रिक गणराज्य बनाया। उन्होंने डॉ. भीमराव अम्बेडकर और उनकी समर्पित टीम को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने हमें ऐसा संविधान दिया, जिसने सदियों की गुलामी, अन्याय और भेदभाव से ऊपर उठकर इस देश को समानता, न्याय और स्वतंत्रता के पंख दिए।

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