नाव से घर लौटे कांग्रेस नेता पृथला में 20 दिन से जलभराव, खेत डूबे, प्रशासन लापता
पलवल जिले का पृथला गांव इन दिनों जल संकट का गंभीर उदाहरण बना हुआ है। लगातार बारिश और निकासी के अभाव में सैकड़ों एकड़ भूमि पानी में डूब चुकी है। हालत यह है कि खेत ही नहीं, लोगों के घरों...
पलवल जिले का पृथला गांव इन दिनों जल संकट का गंभीर उदाहरण बना हुआ है। लगातार बारिश और निकासी के अभाव में सैकड़ों एकड़ भूमि पानी में डूब चुकी है। हालत यह है कि खेत ही नहीं, लोगों के घरों में भी कई-कई फुट पानी भर गया है।
ग्रामीणों का जनजीवन पूरी तरह ठप हो गया है और प्रशासन अब तक आंख मूंदे बैठा है।
नाव से घर पहुंचे कांग्रेस नेता राकेश तंवर
इस जल त्रासदी की सबसे मार्मिक तस्वीर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राकेश तंवर की सामने आई, जिन्हें अपने ही घर तक पहुंचने के लिए नाव बनवानी पड़ी। उनके घर और आस-पास का क्षेत्र पानी में पूरी तरह डूबा हुआ है। पिछले 20 दिनों से उनका परिवार मकान की पहली मंजिल पर कैद-सा जीवन जीने को मजबूर है।
सरकार पर बरसे तंवर: ‘नीति और नीयत दोनों में खोट’
राकेश तंवर ने प्रदेश सरकार और प्रशासन पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार सत्ता के नशे में मदमस्त है। उसे न तो जनहित की चिंता है और न ही जनता की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने जलभराव को लेकर सरकारी तैयारियों को पूरी तरह विफल बताया।
तंवर ने कहा कि यह सिर्फ उनका नहीं, बल्कि पूरे पृथला गांव का संकट है। लोगों के खेत बर्बाद हो गए हैं, मकानों में पानी घुस गया है और जीवन थम सा गया है।
‘वोट चोरी से बनी सरकार’
तंवर ने आरोप लगाया कि यह सरकार जनता की नहीं बल्कि ईवीएम और वोट चोरी से बनी सरकार है। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ जाति और धर्म की राजनीति कर रही है, जबकि जमीन पर लोग जलभराव, बेरोजगारी, टूटी सड़कों, बिजली संकट और भ्रष्टाचार से जूझ रहे हैं।
प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल
उन्होंने यह भी कहा कि 20 दिन बीत जाने के बावजूद न तो कोई अधिकारी दौरा करने आया, न ही कोई राहत कार्य शुरू हुआ। गांव के लोगों ने अब अपनी मदद खुद करने का फैसला किया है, लेकिन सवाल है कि जब सरकार और प्रशासन ही गायब हो जाए तो जनता कहां जाए?
जनता सड़कों पर उतरने को मजबूर
राकेश तंवर ने चेतावनी दी कि यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया, तो ग्रामीण सड़कों पर उतरकर आंदोलन को मजबूर होंगे। उन्होंने प्रशासन से तुरंत जलनिकासी और राहत कार्य शुरू करने की मांग की है।