तंवर के घर नाव से पहुंचीं कांग्रेस महासचिव सैलजा, कहा- जलभराव के हालात के लिए सरकार जिम्मेदार
पृथला क्षेत्र में जलभराव की त्रासदी का दंश झेल रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राकेश तंवर के निवास पर शनिवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव व पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा पहुंचीं। हालात इतने भयावह थे कि उन्हें तंवर के घर तक पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ा। तंवर परिवार पिछले एक माह से मकान की पहली मंजिल पर ही कैद-सा जीवन जीने को मजबूर है। उनके घर के आसपास सैकड़ों एकड़ जमीन पानी में डूबी हुई है और इंडस्ट्रियल एरिया भी जलभराव की चपेट में है।
बता दें कि जल त्रासदी की यह खबर दैनिक ट्रिब्यून ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी जिसके बाद शनिवार को सांसद सैलजा जायजा लेने पहुंचीं। उन्होंने जिला संवाददाता के साथ क्षेत्र में स्थिति का जायजा लिया। सैलजा ने जलभराव को लेकर प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मानसून से पहले नहरों, नालों और नदियों की सफाई न होना सरकार की लापरवाही है। मौसम विभाग ने पहले ही भारी बारिश की चेतावनी दे दी थी, लेकिन सरकार ने कोई ठोस प्रबंध नहीं किए। नतीजा यह हुआ कि खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो गईं, ग्रामीणों के घरों में पानी भर गया और लोग नाव के सहारे आने-जाने को मजबूर हो गए।
उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन को मालूम है कि बारिश के दौरान कौन-कौन से क्षेत्र प्रभावित होते हैं, इसके बावजूद कोई एहतियाती कदम नहीं उठाए गए। सैलजा ने इसे सरकार की जवाबदेही से भागने की मानसिकता बताया और कहा कि भाजपा सरकार केवल दावे करती है, लेकिन धरातल पर काम नहीं करती। इस मौके पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष बलजीत कौशिक, पूर्व प्रवक्ता रेणु तंवर, पूर्व पार्षद योगेश धींगड़ा, अशोक रावल, डॉ. वीरेन्द्र तेवतिया, महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष सविता चौधरी, सुनीता फागना व अन्य नेता भी मौजूद रहे।
‘पूरा पृथला क्षेत्र संकट में’
वरिष्ठ कांग्रेस नेता राकेश तंवर ने कहा कि एक माह से वह नाव के जरिए घर से आ-जा रहे हैं। उनकी और ग्रामीणों की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह सत्ता के नशे में चूर होकर जनता की समस्याओं से मुंह मोड़े बैठी है। यह संकट केवल उनका नहीं, बल्कि पूरे पृथला क्षेत्र का है।
प्रभावित क्षेत्रों की विशेष गिरदावरी की मांग
सांसद सैलजा ने मांग की कि प्रभावित क्षेत्रों की विशेष गिरदावरी कराई जाए और किसानों व ग्रामीणों को हुए नुकसान का उचित मुआवजा तत्काल दिया जाए। साथ ही राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में मानसून से पहले नहरों व नालों की सफाई न करने और तटबंध मजबूत न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।