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हकेंवि में एनईपी-2020 पर सम्मेलन आयोजित, सात वीसी ने साझा किये विचार

शैक्षिक बदलाव की तैयारी : सम्मेलन में बनी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की कार्य योजना
हकेंवि, महेंद्रगढ़ में एनईपी पर केंद्रित एक दिवसीय विश्वविद्यालय सम्मेलन में उपस्थित मुख्य अतिथि, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति व अन्य पदाधिकारी। -निस
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र्हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेंवि), महेंद्रगढ़ में ‘विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान, हरियाणा‘ के सहयोग से आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के क्रियान्वयन पर सहयोगी सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन का उद्देश्य एनईपी 2020 को शीघ्र ही प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु हरियाणा राज्य के सात विश्वविद्यालयों में हकेवि के सहयोग के पारस्परिक सहयोगी वातावरण तैयार करना था।

आयोजन के आरम्भ में हकेवि के आईक्यूएसी, निदेशक एवं आयोजन सचिव प्रो. सुरेंद्र सिंह ने सभी अतिथियों और विश्वविद्यालय अधिकारियों का स्वागत किया। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) टंकेशवर कुमार ने हरियाणा के सात विश्वविद्यालयों के कुलपतियों प्रो. बी.आर. कम्बोज, कुलपति, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार; प्रो. नरसी राम बिश्नोई, कुलपति, गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार; प्रो. दीप्ति धर्माणी, कुलपति, चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय, भिवानी; डॉ. विजय कुमार, कुलपति, चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा; प्रो. असीम मिगलानी, कुलपति, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, मीरपुर रेवाड़ी; प्रो. विनोद कुमार वर्मा, कुलपति, लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय की ओर से एनईपी के कार्यान्वयन हेतु जारी पहलों की सराहना की।

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हकेवि कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि उच्च शिक्षा मानव और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। गुणवत्तापूर्ण और समग्र शैक्षणिक दृष्टिकोण के माध्यम से उच्च शिक्षा संस्थान नवीन शिक्षण पद्धतियों, उपयोगी अनुसंधान, सतत आजीविका और राष्ट्र के आर्थिक विकास में सार्थक योगदान दे सकते हैं। कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि प्रख्यात शिक्षाविद श्री के.एन. रघुनंदन, संगठन महामंत्री, विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान, हरियाणा ने कहा कि उच्च शिक्षा का उद्देश्य विचारशील, सृजनशील और बहुआयामी व्यक्तित्वों का विकास करना होना चाहिए, जो विज्ञान, समाज विज्ञान, कला, मानविकी, भाषाओं के साथ-साथ व्यावसायिक, तकनीकी और व्यावसायिक विषयों में भी दक्ष हों। मुख्य अतिथि ने कहा कि विद्यार्थियों को बेहतर नागरिक बनाने में नई शिक्षा नीति की भूमिका महत्त्वपूर्ण है और इस प्रयास में देश, समाज से पहले विद्यालयों, विश्वविद्यालयों व शिक्षकों का योगदान अहम है। उन्होंने शिक्षा को विद्यार्थी केंद्रित, प्राध्यापक संचालित व समाज पोषित बनाने पर जोर दिया। कार्यक्रम के संयोजक एवं समकुलपति प्रो. पवन कुमार शर्मा सहित सातों विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने अपने-अपने संस्थानों में वर्तमान पाठ्यक्रम ढांचे और सामने आ रही चुनौतियों पर केन्द्रित विचार साझा किए। कार्यक्रम का समापन हकेवि के कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने सभी कुलपतियों, एनईपी नोडल अधिकारियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए किया।

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