विद्या विनय, परहित और समाज सेवा की भावना जागृत करती है। श्रेष्ठ समाज के निर्माण से पहले व्यक्तित्व एवं चरित्र निर्माण की आवश्यकता हैं। आदर्श महिला महाविद्यालय में एथिक सेल द्वारा दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के तत्वावधान में आयोजित व्याख्यान में साध्वी जयंती भारती ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक स्तर पर विकास को व्यक्ति का पूर्ण विकास नहीं कहा जा सकता। सम्पूर्ण व्यक्तित्व का विकास केवल आत्मिक जागृति से ही संभव है। नारी सशक्तिकरण पर जोर देते हुए उन्होंने यह भी बताया कि मूल्यनिष्ठ समाज की नींव सशक्त महिलाएं हैं। इसलिए आज की नारी को आध्यात्मिक और सामजिक दोनों स्तर पर सशक्त बनाना आवश्यक है ताकि वह चरित्रवान होकर आने वाली पीढ़ी को नैतिक मूल्य व सद्गुण प्रदान कर सके। उन्होंने छात्राओं को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रहकर आध्यात्मिक व आत्मबोध होने के लिए प्रेरित किया। साथ ही शिक्षा से दीक्षित की और बढ़ने को कहा। प्राचार्या डॉ. अलका मित्तल ने साध्वी का अभिवादन किया और कहा कि मानव देह की वास्तविक सुन्दरता आत्मबोध से होती हैं। कार्यक्रम में गायत्री मंत्र का पाठ किया गया। देश भक्ति से सराबोर गीतों की प्रस्तुति ने छात्राओं के भीतर राष्ट्रभक्ति का संचार किया। इस अवसर पर डॉ. अपर्ण बत्रा, नीरू चावला, अनीता वर्मा, डॉ. रचना कौशिक और डॉ. उषा मौजूद रहीं।