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कॉलोनियां जलमग्न, स्टॉकयार्ड में खड़ी 300 कारें डूबीं

बहादुरगढ़ : मुंगेशपुर ड्रेन कहीं ओवरफ्लो, कहीं टूटने से हालात खराब
बहादुरगढ़ में मारुति के स्टॉकयार्ड में पानी में डूबी गाड़ियां। -निस
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शहर के कई हिस्सों में मुंगेशपुर ड्रेन ओवरफ्लो होने व कुछ जगहों से टूटने के चलते हालात बेहद खराब होते जा रहे हैं। रिहायशी क्षेत्र में लोगों का रहना मुश्किल हो गया है। वहीं औद्योगिक क्षेत्र की फैक्ट्रियों में काम बंद हो गया है।

दिल्ली से सटे आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र की कई फैक्ट्रियों में 4 से 5 फीट तक पानी भरा हुआ है। मारुति के स्टॉकयार्ड में खड़ी लगभग 300 गाड़ियां पानी में डूबी हुई हैं। उन्हें किसी भी तरह निकालना तक मुश्किल है। पिछले कई दिनों से से गाड़ियां पानी में डूबी हुई हैं। मारुति के स्टॉकयार्ड में आल्टो, वैगनआर, विटारा, ब्रेजा और इनविक्टो गाड़ियां खड़ी हुई हैं। कई गाड़ियों के एयरबैग तक खुले हुए हैं और कई के ड्राइवर साइड का विंडो ग्लास भी उतरा हुआ है। नई गाड़ियों के बोनट से उपर तक पानी भरा हुआ है। आसपास की फैक्ट्रियों के कामगारों ने बताया कि ये गाड़ियां स्थानीय शोरूम वालों की है। जब रात को पानी आया तो उन्होंने चौकीदार को सूचना दी लेकिन तब तक सभी गाड़ियां डूब चुकी थीं। उन्होंने बताया कि कई फैक्ट्रियां भी बंद हैं क्योंकि पानी भरा हुआ है और फिलहाल उनके पास कोई काम नही है। वहीं फैक्टरी एरिया के साथ लगती मुंगेशपुर ड्रेन में जिस कटाव को रोकने की जिम्मेदारी भारतीय सेना को सौंपी गई थी वह काम पूरा कर जवान वापस लौट गए हैं।

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हालांकि ड्रेन में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है जिस कारण दूसरी जगहों से भी ड्रेन में कटाव शुरू हो गया है। रविवार को सेक्टर-9 बाईपास के पास एक पेट्रोल पम्प के पीछे से गुजर रही ड्रेन का कुछ हिस्सा टूट गया जिससे साथ लगते क्षेत्र व खेतों में जलभराव हो गया। उक्त एरिया में हुए कटाव को बंद करने के लिए एसडीआरएफ, नगर परिषद और सिंचाई विभाग की टीमें लगी हुई हैं। करीबन 150 से ज्यादा कर्मचारी इस कार्य में लगे हुए हैं।

छोटूराम नगर के लोग घर छोड़ने को मजबूर

बहादुरगढ़ के वार्ड-9 व 10 के साथ लगते छोटूराम नगर में मुंगेशपुर ड्रेन के टूटने के बाद यहां जलभराव से हालात बेहद खराब हैं। लोग अपने-अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर हैं। जरूरत का सामान लेकर कोई रिश्तेदारों के घरों में शिफ्ट हुए तो कोई राहत शिविरों में पहुंच रहे हैं। उधर जिला प्रशासन ने भी बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए सामुदायिक भवनों और धर्मशालाओं में अस्थाई आश्रय स्थल बनाए हैं। उनके रहने व खाने-पीने को लेकर भी व्यवस्था की गई है। ड्रेन के कई हिस्से ओवरफ्लो हैं जिनके कारण छोटूराम नगर में 3 से 5 फीट तक पानी जमा हो गया है। नगर परिषद ने अपने ट्रैक्टर लगाकर प्रभावित लोगों को निकालना शुरू किया है। वहीं छोटूराम नगर से पार्षद प्रतिनिधि पूर्व पार्षद हरिमोहन धाकरे ने प्रशासन की व्यवस्थाओं को नाकाफी बताया है। उन्होंने कहा कि कई बार अधिकारी फोन तक नहीं उठाते हैं।

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