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चिंटल सोसाइटी ने 6 असुरक्षित टावर तोड़ने किए शुरू, एच टावर से शुरूआत

आईआईटी दिल्ली ने डी, ई, एफ, जी, एच व जे को अनसेफ घोषित किया था
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गुरुग्राम, 2 फरवरी (हप्र)

सेक्टर-109 चिंटल पैराडाइसो सोसाइटी के असुरक्षित घोषित 6 टावर को कंपनी ने तोड़ना शुरू कर दिया है। कंपनी द्वारा तोड़ने की शुरुआत एच टावर से की गई। टावर के छत पर बने वाटर टैंक को मजदूरों से तुड़वाया जा रहा है। तीन से चार दिन में मशीनों से इन टावर को तोड़ना शुरू कर दिया जाएगा। चिंटल इंडिया लिमिटेड ने दावा किया कि अगले 6 महीने में 6 टावर को मलबे में मिला दिया जाएगा। इस बीच में नए सिरे से टावर का निर्माण शुरू करने के लिए नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग से नक्शे मंजूर करवाए जाएंगे। चिंटल सोसाइटी में 9 टावर हैं। आईआईटी दिल्ली ने डी, ई, एफ, जी, एच और जे को असुरक्षित घोषित किया है। सीआरआरआई ने ए, बी और सी टावर को असुरक्षित घोषित किया है। ए, बी और सी टावर में अभी करीब 170 परिवार रह रहे हैं। चिंटल इंडिया लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने कहा कि असुरक्षित टावर को गिराने का काम शुरू हो गया है। नए सिरे से इन सभी टावर का निर्माण के लिए नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग से नक्शे मंजूर करवाए जाएंगे। विशेषज्ञों की निगरानी में फ्लैट तैयार करवाकर कब्जा फ्लैट मालिकों को दिया जाएगा। चिंटल पैराडाइसो आरडब्ल्यूए ने जिला उपायुक्त अजय कुमार को मांग पत्र सौंपा है। इसमें कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना नहीं हो रही है। बिल्डर की तरफ से एक तरफा बना समझौता किया जा रहा है। दोबारा निर्माण की बजाय दोबारा विकास के तहत समझौता किया जा रहा है। बाजारी कीमत के आधार पर ए, बी और सी टावर के फ्लैट मालिकों को मुआवजा दिलवाया जाए। दोबारा मूल्यांकन करवाया जाए। द्वारका एक्सप्रेस-वे बनने के बाद कीमतों में इजाफा हुआ है।

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