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बाल अधिकार संरक्षण आयोग सदस्य ने किया संस्थाओं का दौरा

हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग से मांगे राम द्वारा जिला में स्थित सिरतार, अर्पण व श्रवण संस्थाओं का दौरा किया गया। इन सभी संस्थाओं में दिव्यांग व विशेष श्रेणी के बच्चे रह रहे हैं। आयोग के सदस्य द्वारा संस्थानों...

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हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग से मांगे राम द्वारा जिला में स्थित सिरतार, अर्पण व श्रवण संस्थाओं का दौरा किया गया। इन सभी संस्थाओं में दिव्यांग व विशेष श्रेणी के बच्चे रह रहे हैं। आयोग के सदस्य द्वारा संस्थानों में रह रहे बच्चों की सुख सुविधाओ को जांचा गया।

आयोग के सदस्य ने संस्था में कार्य कर रहे अधिकारियों व कर्मचारियों के कार्य की सराहना की और संस्थानों के कर्मचारियों को और अधिक उत्साह के साथ कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष सतीश कौशिक ने भी बच्चों में छुपी प्रतिभा को निखारने के लिए प्रोत्साहित किया और सभी संस्थाओ के प्रभारियों को सचेत किया कि बच्चे से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कोई समस्या के समाधान के लिए बाल कल्याण समिति हमेशा तत्पर रहेगी।

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आयोग के सदस्य मांगेराम शर्मा ने बताया कि संस्थानों में रह रहे बच्चों में से यदि कोई बच्चा पढ़ाई में पिछड़ जाता है तो वह अन्य कोई कार्य कर अपनी आजीविका चला सकता है। पढ़ाई में पिछड़ने वाले बच्चों को मैने हस्त कौशल जैसे कढ़ाई, सिलाई, पेंटिंग, मेहंदी, गहने डिजाइनिंग आदि में कुशल पाया है। प्रकृति सभी को कोई न कोई प्रतिभा अवश्य देती है, बस आवश्यकता है उसे निखारने के अवसरों की अर्थात वे समाज के लिए निस्संदेह उपयोगी साबित हो सकते हैं। उपयोगिता के आधार पर समाज उन्हें नकार नहीं सकता। उनकी मानसिक स्थिति उन्होंने स्वयं नहीं चुनी होती। बल्कि कुछ अज्ञात कारणों से वे सामान्य से भिन्न व्यक्ति के रूप में जन्म लेते हैं। उनके लिए अवसर और सुविधा का प्रबंध करना समाज की ही जिम्मेदारी है। समाज का निर्माण समूह में उपस्थित सभी व्यक्तियों को मिला कर होता है फिर चाहे वे किसी भी स्तर की बुद्धि लब्धि रखते हो, समाज का अभिन्न अंग हैं।

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