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केंद्र सरकार ने मजदूरों से किया विश्वासघात : माकपा

मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा) की जिला कमेटी ने केंद्र सरकार पर 40 करोड़ श्रमिकों से विश्वासघात करने का आरोप लगाया है। जिला सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि सरकार ने श्रमिकों की सुरक्षा से जुड़े वर्तमान 27 कानून समाप्त करके 4...

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मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा) की जिला कमेटी ने केंद्र सरकार पर 40 करोड़ श्रमिकों से विश्वासघात करने का आरोप

लगाया है। जिला सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि सरकार ने श्रमिकों की सुरक्षा से जुड़े वर्तमान 27 कानून समाप्त करके 4 नई श्रम संहिताएं एकतरफा थोप दीं, जो मजदूरों की पीठ में छुरा घोंपने जैसा कदम है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार संसद में बहुमत का फायदा उठाकर अपने चहेते कॉरपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने की नीति पर चल रही है। कामरेड ओमप्रकाश ने कहा कि सरकार पिछले पांच वर्षों से श्रमिकों के विरोध के बावजूद इस बदलाव को लागू करने का अवसर तलाश रही थी। बिहार चुनाव परिणाम आते ही उसने कॉरपोरेट जगत से किए गए वादों को पूरा करने में देर नहीं लगाई। कॉरपोरेट समूह अब इन नई श्रम संहिताओं को 40 करोड़ श्रमिकों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन बताकर बेहतर वेतन, सुरक्षा और कल्याण का दावा कर रहे हैं, जबकि असलियत इसके बिल्कुल विपरीत है और मजदूरों को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले भी केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों को किसानों के हित में बताकर लागू करने की कोशिश की थी, परंतु किसान इस झांसे में नहीं आए और 13 महीने लंबे आंदोलन के बाद सरकार को पीछे हटने पर मजबूर किया। नई श्रम संहिताओं पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इसके तहत महिलाओं को रात में कारखानों में काम करना होगा और उनकी कार्य अवधि 8 की जगह 12 घंटे कर दी गई है। 100 से 299 मजदूरों वाले कारखाने मालिक अब बिना सरकारी अनुमति के मनमर्जी से यूनिट बंद कर सकेंगे। न्यूनतम वेतन तय करने में मजदूर संगठनों की राय की आवश्यकता खत्म कर दी गई है।

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