Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

फरीदाबाद-भिवानी में जमीन खरीद अब और महंगी

कलेक्टर रेट में 10 से 50 फीसदी तक बढ़ोतरी, आज से लागू
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

हरियाणा सरकार ने पूरे राज्य में नए कलेक्टर रेट लागू कर दिए हैं, जो एक अगस्त से प्रभावी हो गए हैं। इससे फरीदाबाद और भिवानी जिलों में ज़मीन की कीमतों में 10 से 50 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है। नए रेट लागू होने से जहां सरकारी राजस्व में इज़ाफा होगा, वहीं आम जनता, विशेषकर मध्यम वर्ग और पहली बार घर खरीदने वालों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

इस संशोधन से प्रॉपर्टी की खरीद, रजिस्ट्री और गिफ्ट डीड्स की लागत पर सीधा असर पड़ेगा। सरकार का कहना है कि कलेक्टर रेट को बाज़ार मूल्य के अधिक करीब लाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। अधिकारियों के अनुसार, पहले कई स्थानों पर बाज़ार मूल्य और सरकारी रेट में बड़ा अंतर था, जिससे रजिस्ट्री कम दरों पर होती थी। अब इस अंतर को कम करने की कोशिश की गई है।

Advertisement

कृषि भूमि के रेट 20 प्रतिशत तक बढ़े : फरीदाबाद जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग स्तर पर कलेक्टर रेट में 10 से 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है। सेक्टर 85, 86, 88, 89, 91 और 92 जैसे रियल एस्टेट हॉटस्पॉट्स में यह बढ़ोतरी 35 से 50 प्रतिशत तक हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि के रेट औसतन 10 से 20% तक बढ़ाए गए हैं। कमर्शियल और रिहायशी दोनों श्रेणियों में दरें बढ़ी हैं। जिला राजस्व विभाग के अनुसार यह संशोधन बाज़ार भावों के तुलनात्मक विश्लेषण और राजस्व घाटे की समीक्षा के आधार पर किया गया है।

उदाहरण के तौर पर, सेक्टर 85 में पिछले वर्ष रिहायशी भूमि का रेट 35,000 रुपये प्रति वर्ग गज था, जो अब बढ़कर 52,500 रुपये हो गया है। वहीं बल्लभगढ़ के कुछ क्षेत्रों में अब रजिस्ट्री दरें प्रति एकड़ 5 करोड़ रुपये से अधिक पहुंच गई हैं।

भिवानी की सभी छह तहसीलों में दरें संशोधित

भिवानी, बवानीखेड़ा, लोहारू, तोशाम, बहल और सिवानी—सभी छह तहसीलों में कलेक्टर रेट में 10 से 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है। भिवानी तहसील में शहरी संपत्तियों के कलेक्टर रेट में 20 प्रतिशत तक इज़ाफा दर्ज किया गया है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि की दरें 10 प्रतिशत तक बढ़ाई गई हैं। राजस्व अधिकारी सुशील शर्मा ने बताया, “बाज़ार मूल्य और सरकारी दरों के बीच जो असंतुलन बना हुआ था, उसे इस संशोधन से संतुलित करने का प्रयास किया गया है।”

Advertisement
×