अवैध निर्माण पर कार्रवाई न करने पर भवन निरीक्षक को किया चार्टशीट
नगर निगम क्षेत्र में रातों-रात अवैध निर्माण पर कार्रवाई न करने पर एक भवन निरीक्षक पर कड़ी कार्रवाई की गई है और नियम-7 के तहत चार्जशीट किया गया है। वहीं खरखौदा में निगम के पैरोकार कर्मचारी सोनू को नोटिस जारी...
नगर निगम क्षेत्र में रातों-रात अवैध निर्माण पर कार्रवाई न करने पर एक भवन निरीक्षक पर कड़ी कार्रवाई की गई है और नियम-7 के तहत चार्जशीट किया गया है। वहीं खरखौदा में निगम के पैरोकार कर्मचारी सोनू को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। कमिश्नर को शिकायतें मिली थी नगर निगम के केसों में सोनू दूसरी पार्टियों को केसों के अंदर की जानकारी लीक करता है। नगर निगम कमिश्नर हर्षित कुमार को काफी दिनों से शिकायत मिल रही थी कि शहर में रातों-रात अवैध इमारतें खड़ी हो रही हैं। इसमें बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत होती है। कमिश्नर ने बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों की बैठक बुलाकर उन्हेें अवैध निर्माण रोकने और सख्त निगरानी के आदेश दिए थे, लेकिन स्थिति मेंं कोई सुधार नहीं हुआ। पिछले दिनों नगर निगम कमिश्नर शहर के दौरे पर थे, इस दौरान उन्हें गोहाना बाईपास और देवडू रोड स्थित कई जगह कई अवैध कमर्शियल भवनों का निर्माण होता मिला। यह क्षेत्र भवन निरीक्षक दलबीर सिंह की निगरानी में था। अवैध कमर्शियल भवनों के बाहर तो ऐसा दिखाया गया था कि जैसे यहां कोई निर्माण नहीं हो रहा है, लेकिन अंदर ही अंदर निर्माण चलता मिला। इस पर भवन निरीक्षक दलबीर को नोटिस जारी किया गया। उनके जवाब से संतुष्ट न होने पर निगम आयुक्त ने उन्हें सेवा नियम-7 के तहत चार्जशीट किया है।
अवैध निर्माण की आड़ में चल रहा था खेल
निगम निगम कमिश्नर को शिकायतें मिल रही थी कि शहर में अवैध निर्माण की आड़ में मिलीभगत का खेल चल रहा है। किसी भी अवैध निर्माण होने वाली साइट पर अधिकारी जांच करने पहुंचते थे। अवैध निर्माण होता मिलने पर नोटिस चस्पा कर निर्माण रुकवा दिया जाता था। ऐसे कई मामलों में एक दलाल वहां पर पहुंचकर भवन मालिक से सेटिंग करता था। लेनदेन कर फिर से निर्माण शुरू हो जाता था।
बाहर नोटिस चस्पा, अंदर निर्माण
मिलीभगत के चलते अवैध निर्माण करने वालों को किसी का भी डर नहीं है। कई जगह अवैध रूप से बनाए जा रहे भवन के बाहर निगम की ओर से निर्माण रुकवाने का नोटिस चिपका दिया जाता था, लेकिन अंदर धड़ल्ले से निर्माण होता रहता था। पिछले दिनों मीडिया ने मुरथल रोड पर एक कमर्शियल भवन का मामला उजागर किया था। भवन के बाहर तीन महीने से निर्माण रुकवाने संबंधी नोटिस चस्पा था, लेकिन अंदर ही अंदर निर्माण चलता रहा। अब तक यह भवन तीन मंजिल बन चुका है। नोटिस चिपकाने के बाद निगम के किसी भी अधिकारी ने यहां झांककर नहीं देखा। शहर में ऐसे भवनों की संख्या काफी अधिक है।

