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आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रमाण है भिवानी को छोटी काशी कहा जाना : महंत वेदनाथ महाराज

श्रद्धालुओं ने की 12 ऐतिहासिक दरवाजों व मंदिरों की परिक्रमा
240वें दिन भी जारी रही अढ़ाई कोसी परिक्रमा, भिवानी की आध्यात्मिक पहचान को मिला नई ऊर्जा का संदेश भिवानी, 6 दिसंबर (हप्र)। वृंदावन और मथुरा की कोसी परिक्रमा की तर्ज पर भिवानी में निकाली जा रही अढ़ाई कोसी परिक्रमा ने शनिवार को 240 दिन पूरे कर लिए। हनुमान जोहड़ी मंदिर धाम और युवा जागृति एवं जनकल्याण मिशन ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में महंत चरणदास महाराज के नेतृत्व में निकाली जा रही इस यात्रा में शनिवार को जोगीवाला मंदिर के महंत वेदनाथ महाराज शामिल हुए। उनके सान्निध्य से श्रद्धालुओं में खास उत्साह देखने को मिला। सुबह श्रीराम और हनुमान जी के जयकारों के साथ शुरू हुई परिक्रमा ने पूरे शहर को भक्तिमय माहौल से भर दिया। परिक्रमा के दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भिवानी के 12 ऐतिहासिक दरवाजों और प्राचीन मंदिरों का दर्शन किया। जगह-जगह पुष्प वर्षा कर संतों और भक्तों का स्वागत किया गया। महंत वेदनाथ महाराज ने कहा कि भिवानी को ‘छोटी काशी’ कहा जाना यहां की आध्यात्मिक शक्ति का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि जिस तरह ब्रज मंडल में परिक्रमा का महत्व है, उसी प्रकार भिवानी की अढ़ाई कोसी परिक्रमा भी पुण्यदायी है। लगातार 240 दिनों से चल रही यह यात्रा धर्म और संस्कृति के संरक्षण का अनुकरणीय उदाहरण है। महंत चरणदास महाराज ने बताया कि परिक्रमा का उद्देश्य युवाओं को अपनी संस्कृति और जड़ों से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि हर दिन शहर के मंदिरों और ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कर लोगों को भिवानी के गौरवशाली इतिहास से अवगत कराया जाता है। परिक्रमा आगे भी इसी उत्साह के साथ जारी रहेगी। इस अवसर पर जयपाल परमार, अधिवक्ता घनश्याम शर्मा, धर्मवीर दहिया, सुनील गर्ग, दयानंद, रामानंद शर्मा, विजय सिंघानिया, अर्जुन सिंह, नरेश दीपक पांडे, शंकरलाल सैनी, विशाल, दनवंती देवी, सोनिया खुंडिया, चंचल वर्मा, विद्या देवी सहित कई श्रद्धालु मौजूद रहे। फोटो कैप्शन: अढ़ाई कोसी परिक्रमा में शामिल महंत वेदनाथ महाराज और महंत चरणदास महाराज अन्य श्रद्धालुओं के साथ।-हप्र
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धर्म नगरी वृंदावन, मथुरा और बरसाना की कोसी परिक्रमा की तर्ज पर भिवानी में भी आध्यात्म की एक अलख जगी हुई है।

हनुमान जोहड़ी मंदिर धाम तथा युवा जागृति एवं जनकल्याण मिशन ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में महंत चरणदास महाराज के नेतृत्व में निकाली जा रही अढ़ाई कोसी परिक्रमा ने शनिवार को सफलता और श्रद्धा के 240 दिन पूरे कर लिए। इस विशेष अवसर पर परिक्रमा में जोगीवाला मंदिर के महंत वेदनाथ महाराज का सान्निध्य प्राप्त हुआ, जिससे श्रद्धालुओं का उत्साह दोगुना हो गया।

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शनिवार सुबह प्रभु श्रीराम और हनुमान जी के जयकारों के साथ शुरू हुई इस यात्रा ने पूरे शहर के वातावरण को भक्तिमय बना दिया।

महंत वेदनाथ महाराज के सान्निध्य और महंत चरणदास महाराज के नेतृत्व में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भिवानी के ऐतिहासिक महत्व को समझा। परिक्रमा के दौरान श्रद्धालुओं ने शहर के उन 12 ऐतिहासिक दरवाजों का भ्रमण किया, जो भिवानी की प्राचीन सुरक्षा और वास्तुकला के गवाह हैं। इसके साथ ही छोटी काशी के विभिन्न प्राचीन मंदिरों में शीश नवाकर श्रद्धालुओं ने क्षेत्र की सुख-समृद्धि की कामना की। परिक्रमा मार्ग में जगह-जगह पुष्प वर्षा कर संतों और भक्तों का स्वागत किया गया।

क्या कहा हंत वेदनाथ महाराज ने?

इस अवसर पर जोगीवाला मंदिर के महंत वेदनाथ महाराज ने कहा कि भिवानी को छोटी काशी कहा जाना मात्र एक उपमा नहीं, बल्कि यह यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रमाण है। जिस तरह ब्रज मंडल में परिक्रमा का महत्व है, उसी तरह भिवानी की इस पावन धरा पर अढ़ाई कोसी परिक्रमा करना पुण्यकारी है। 240 दिनों से निरंतर चल रही यह यात्रा धर्म और संस्कृति के संरक्षण का एक अद्भुत उदाहरण है। ऐसी यात्राओं से न केवल हम अपने इतिहास और 12 दरवाजों जैसे धरोहरों को जानते हैं, बल्कि इससे मन को असीम शांति भी मिलती है।

महंत चरणदास महाराज ने कहा कि इस परिक्रमा का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति और जड़ों से जोड़ना है। आज 240 दिन पूरे होने पर यह सिद्ध हो गया है कि भिवानी के लोगों में धर्म के प्रति अटूट आस्था है। हम हर रोज शहर के अलग-अलग कोनों, मंदिरों और ऐतिहासिक स्थलों पर जाते हैं ताकि लोग यह जान सकें कि भिवानी का इतिहास कितना गौरवशाली है। यह परिक्रमा आगे भी इसी उत्साह के साथ जारी रहेगी।

इस अवसर पर जयपाल परमार, अधिवक्ता घनशयाम शर्मा, मैनेजर धर्मवीर दहिया, सुनील गर्ग, दयानंद, रामानंद शर्मा, विजय सिंघानिया, अर्जुन सिंह, नरेश दीपक पांडे, शंकरलाल सैनी, विशाल, दनवंती देवी, सोनिया खुंडिया, चंचल वरमा, विधा देवी सहित अनेक श्रद्धालुगण मौजूद रहे।

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