भाकियू ने की जांच की मांग, आंदोलन का अल्टीमेटम
श्यामसुख गांव में खाद लेने गए किसानों पर लाठीचार्ज का मामला
श्यामसुख गांव में खाद लेने गए किसानों पर पुलिस लाठीचार्ज करने का आरोप लगाते हुए भारतीय किसान यूनियन ने बयान जारी कर मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। साथ ही दोषी पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की है।
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि अन्नदाता देश की रीढ़ है। श्यामसुख गांव में किसानों के साथ हुई घटना को लेकर पूरे प्रदेश में आक्रोश व्याप्त है। डीएपी खाद लेने के लिए सैकड़ों किसान घंटों तक लंबी कतारों में खड़े रहे, लेकिन प्रशासन खाद वितरण की व्यवस्था संभालने में पूरी तरह नाकाम रहा। अव्यवस्था बढ़ने पर स्थिति संभालने की बजाय पुलिस ने किसानों पर लाठियां चला दी, जिससे हालात और अधिक तनावपूर्ण हो गए। उन्होंने कहा कि खाद की कमी और वितरण व्यवस्था की अव्यवस्था किसानों को पहले से ही परेशान कर रही है। ऐसे में उन पर बल प्रयोग करना सीधे तौर पर किसान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। रतनमान ने इस मामले में सरकार को दोषी ठहराते हुए मुख्यमंत्री को आंदोलन की चेतावनी दी है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने इस घटना का संज्ञान लेकर ठोस कदम नहीं उठाए तो भारतीय किसान यूनियन प्रदेशभर में आंदोलन शुरू करेगी और इसका जिम्मेदार सरकार और प्रशासन स्वयं होगा।