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बंचारी की नगाड़ा पार्टियों की देश-विदेशो में धूम

पलवल जिले के ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा में पड़ने वाले बंचारी गांव को लोक कलाकारों की भूमि कहा जाता है। बंचारी गांव में करीब 300 कलाकार गीत, संगीत और नृत्य से अपनी आजिविका चला रहे हैं। बंचारी की नागाड़ा पार्टी...
बंचारी गांव की नगाड़ा पार्टी कार्यक्रम प्रस्तुत करती हुई। -निस
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पलवल जिले के ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा में पड़ने वाले बंचारी गांव को लोक कलाकारों की भूमि कहा जाता है। बंचारी गांव में करीब 300 कलाकार गीत, संगीत और नृत्य से अपनी आजिविका चला रहे हैं। बंचारी की नागाड़ा पार्टी रूस, अमेरिका, जापान, माॅरीशस, इगलैंड में धूम मचा चुकी है। होली,लोक कलाओं को मर्मज्ञ बताते हैं सरकारी तौर पर हरियाणा में चौधरी देवीलाल ने लोक कलाओं को बढ़ावा देते हुए बंचारी की चौपाई पार्टी को प्रसिद्धी दिलवाई थी। चंडीगढ़ में बंचारी के नगाड़े की थाप ऐसी गूंजी की विदेशों तक सरहाना हुई। सूरजकुंड क्राफ्ट मेला, दिल्ली के ट्रेड फेयर में शुरुआत से ही बंचारी की चौपाई पार्टी की धूम रही। बंचारी में 300 कलाकार चौपाई और होली में तथा 105 कवि हैं, जो सामाजिक, राजीनितक, धार्मिक विषयों पर अपनी रचनाएं स्वंय बनाते हैं तथा उनका गुणगान करते हैं।

बंचारी गांव की नगाड़ा पार्टीयों की ऐसी धूम है कि शादी समारोहों व स्वागत समारोहों में भी इन्हें बुक करके ले जाया जाता है। इनके द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले लोक गीतों व नगाड़ों की थाप पर लोगों को यह जम कर नचाते हैं। नगाड़ा पार्टी के कलाकारों के द्वारा बंचारी में आयोजित होने वाले हुरंगा पर विशेष लोक गीत तैयार किए जाते हैं तथा पूरी रात सुबह 7 सात बजे तक यह विभिन्न स्थानों पर नगाड़े की थाप पर सभी राजनेताओं, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों व प्रशासनिक अधिकारियों को नचाते हैं। नगाड़ों की थाप हर किसी को आकर्षित करती है तथा पाश्चात्य संस्कृति में डूबने वालों को आज भी बंचारी के नगाड़ों की थाप अपने आप ही नाचने को मजबूर कर देती है।

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कलाकारों का कहना है कि बंचारी के इन लोक कलाओं से जुड़ी सभ्यता और संस्कृति पर आधारित, गीत, संगीत और नृत्य की प्रतिभा को हरियाणा सरकार द्वारा आजिविका के तौर पर प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है। बंचारी की चौपाई पार्टीयों व हुरंगा होली की विधा को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार को पहल करनी चाहिए।

 

 

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