नाबालिग स्टूडेंट से यौन संबंध बनाने वाली टीचर की जमानत याचिका खारिज
अपने नाबालिग छात्र के यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार महिला टीचर की जमानत याचिका रेवाड़ी फास्ट ट्रेक कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दी है कि टीचर ने अपनी उम्र और गुरु- शिष्य के पवित्र रिश्ते का भी ध्यान नहीं रखा। हाईकोर्ट पहले ही उसकी जमानत याचिका खारिज कर चुका है।
जानकारी के अनुसार रेवाड़ी का छात्र बारहवीं कक्षा में गुरुग्राम जिले के एक नामी स्कूल में पढ़ता था। इसी स्कूल में चरखी दादरी की आरोपी 40 वर्षीय विवाहित महिला टीचर पढ़ाती थी। टीचर परीक्षा में अच्छे अंक दिलाने का लालच देकर उसे अपने घर बुलाने लगी। आरोप है कि माह जून 2024 में छात्र पहली बार टीचर के घर गया। यहां टीचर ने उसके साथ यौन संबंध बनाए। बाद में टीचर छात्र को होटल भी ले जाने लगी। जब टीचर का पति से विवाद हो गया तो वह उससे अलग रहने लगा। आरोप है कि जून से सितंबर माह के बीच टीचर ने घर और होटल में कई बार संबंध बनाए।
मामले में उस समय मोड़ आ गया जब छात्र ने टीचर की हरकतों का विरोध शुरू कर दिया। पोल खुलने के डर से टीचर ने 20 जनवरी 2025 को छात्र के खिलाफ छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए केस दर्ज करा दिया। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद छात्र ने सारे घटनाक्रम से अपने परिजनों को अवगत कराया। बेटे की पूरी दास्तां सुनने के बाद पिता ने 13 मार्च, 2025 को आरोपी टीचर के खिलाफ मामला दर्ज कराया। गिरफ्तारी से बचने के लिए टीचर ने संबंधित रेवाड़ी की फास्ट ट्रेक कोर्ट में जमानत याचिका लगाई लेकिन फैसला आने से पहले ही उसने अपनी याचिका वापस ले ली। हाईकोर्ट ने भी उसकी याचिका खारिज कर दी। तत्पश्चात पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
टीचर के पास जब कोई विकल्प नहीं बचा उसने पुन: रेवाड़ी की फास्ट ट्रेक कोर्ट में जमानत याचिका लगाई लेकिन यहां भी उसे राहत नहीं मिली और याचिका खारिज करते हुए कोर्ट के न्यायाधीश लोकेश गुप्ता ने कहा कि टीचर ने अपनी उम्र और गुरू शिष्य के पवित्र रिश्ते का भी ध्यान नहीं रखा।