सूनसान स्थानों पर एटीएम की सुरक्षा भगवान भरोसे
सोनीपत, 17 जून (हप्र)
शहर के सुनसान एटीएम बूथ शातिरों के निशाने पर हैं। शातिरों का एक गिरोह एटीएम में एक प्लेट लगाकर लोगों के निकाले गए रुपये अटका देता है और जब लोग परेशान होकर चले जाते हैं तो उनका रुपये लेकर फरार हो जाते हैं। ओल्ड डीसी रोड पर नीली कोठी नाम से एसबीआई की दो एटीएम में मंगलवार को लोहे की पतली प्लेटें लगी मिली हैं। दो उपभोक्ताओं ने जब रुपये निकालने चाहे तो खाते से पैसा कट गया लेकिन मशीन से रुपये नहीं निकले। इस पर लोगों ने पुलिस बुला ली। पुलिस की मौजूदगी में पास से बुलाए गए एक कारीगर ने मशीन से कैश अटकाने के लिए लगाई प्लेट निकाली तब जाकर उनके रुपये मिले। दो जून को भी इस एटीएम से एक व्यक्ति के रुपये नहीं निकले थे बाद में मशीन में से प्लेट निकाली गई थी। वहीं गन्नौर के गढ़ी केसरी रोड पर एसबीआई के एटीएम में प्लेट लगाने के बाद रुपये निकालने पहुंचे बदमाश को लोगों ने पकड़कर पुलिस के हवाले किया गया। ओल्ड डीसी रोड पर नीली कोठी नाम से एसबीआई का एटीएम बूथ है। यहां पर दो मशीनें लगी हैं। बूथ पर माडल टाउन के विकास वधवा ने एक मशीन से 10 हजार रुपये निकाले। मशीन से रुपये गिनने की आवाज आती रही और उसके खाते से रुपये कट गए लेकिन मशीन से रुपये नहीं निकले। वहीं दूसरी मशीन से जीवन नगर के कबीर ने दूसरी मशीन से 10 हजार रुपये का ट्रांजेक्शन किया लेकिन उनके साथ भी यही हुआ। तभी पुलिस को सूचना दी गई। सिविल लाइन थाने से दो पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। उनकी मौजूदगी में लोगों ने आशंका जताई कि दोनों मशीनों मेंं रुपया अटकाने के लिए पतली प्लेट लगाई गई होगी। पेंचकस व अन्य औजारों की मदद से मशीन से प्लेट निकाली गई तब जाकर रुपये निकले। विकास व कबीर ने बताया कि जब वे बूथ में अंदर आ रहे थे तो दो युवक यहां से निकल रहे थे। उन्होंने ही बताया कि रुपये नहीं निकल रहे हैं। थाना प्रभारी सतबीर सिंह ने बताया कि बूथ में लगे सीसीटीवी की फुटेज हासिल करने के लिए बैंक को पत्र लिखा गया है। मार्च के अंत में जिलेभर के एटीएम की सुरक्षा में रखे अधिकांश गार्डों को हटा दिया गया। अब इनकी सुरक्षा रामभरोसे है। इसके बाद शातिर बदमाशों का गिरोह सक्रिय हो गया है जो सुनसान एटीएम पर प्लेट लगा जाता है। शातिर आसपास रहकर बूथ पर नजर रखते हैं। जब कोई रुपये निकालने आता है और उसके रुपये अटक जाते हैं तो वह थोड़ी देर परेशान होता है। बाद में परेशान होकर यह समझकर चला जाता है कि मशीन खराब है। इसके बाद शातिर मशीन में अटके रुपये निकाल ले जाते हैं। कैश निकलने वाली जगह के नीचे मशीन में लोहे की एक शीट पर कमजोर सा लॉक लगा होता है। शातिर या तो पेचकस की मदद से लॉक खोलकर मशीन में कैश निकलने वाली जगह पर लोहे की पतली प्लेट लगा देते हैं या कई बार बिना लॉक खोले भी ये टेप की मदद से अंदर प्लेट चिपका देते हैं। ये शातिर सुनसान जगह वाले या सुबह-शाम या रात में प्लेट लगाते हैं।