मदवि में एसोसिएट प्रोफेसर निलंबित, जांच तक एंट्री पर रोक
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) ने यूआईईटी के कंप्यूटर साइंस अभियांत्रिकी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विकास सिवाच को गंभीर आरोपों और कथित अनुशासनहीन व्यवहार के आधार पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। विश्वविद्यालय आदेश के अनुसार, उन पर नियम उल्लंघन, असंयमित व्यवहार और संपत्ति के दुरुपयोग जैसे आरोप हैं। सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए विश्वविद्यालय ने उनके कैंपस में प्रवेश पर भी रोक लगा दी है। वे केवल पूछताछ या सक्षम प्राधिकारी की लिखित अनुमति से ही प्रवेश कर सकेंगे। निलंबन अवधि में उन्हें नियमों के अनुसार निर्वाह भत्ता मिलेगा और आगे अनुशासनात्मक जांच जारी रहेगी। डॉ. विकास सिवाच एचएफयूसीटीओ और एमडीयू टीचिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। कार्रवाई के बाद विश्वविद्यालय परिसर में चर्चाएं तेज हैं। छात्रों व शिक्षकों के बीच यह सवाल उठ रहा है कि क्या हाल के विवादों को लेकर प्रशासन आलोचनात्मक आवाज़ों पर सख्त रुख अपना रहा है।
इससे पहले भी भगत सिंह छात्र मोर्चा के अध्यक्ष प्रदीप सिंह मोटा को निलंबित कर कैंपस में प्रवेश से रोका गया था। चर्चाओं पर प्रतिक्रिया के लिए कुलसचिव और निदेशक जनसंपर्क से संपर्क किया गया, लेकिन संदेश भेजने के बावजूद दोनों अधिकारी चुप रहे।
गौरतलब है कि डॉ. विकास सिवाच एचएफयूसीटीओ और एमडीयू टीचिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। 6 अक्तूबर को प्रशासन ने एमडीयू स्थित शिक्षक संघ कार्यालय पर ताला लगवा दिया था और उन्हें गतिविधियों से रोक दिया था। उसके बाद 8 अक्तूबर को डॉ. विकास ने विश्वविद्यालय में कथित फर्जी नियुक्ति प्रकरण और कुलपति आवास से जुड़े विवादों पर एक प्रेस वार्ता की, जिसमें उन्होंने न्यायिक जांच की मांग उठाई।
