विधानसभा समिति पहुंची महिला मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, जताई नाराजगी
हरियाणा विधानसभा की स्वास्थ्य एवं शिक्षा विषय समिति ने बृहस्पविार को गांव खानपुर कलां स्थित भगत फूल सिंह (बीपीएस) महिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल का निरीक्षण किया। समिति के चेयरमैन रामकुमार कश्यप के नेतृत्व में पहुंचे विधायक सदस्यों ने संस्थान के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया और नाराजगी जाहिर करते हुए सुधार के लिए समयबद्ध निर्देश दिए।
बैठक के दौरान निदेशक डॉ. जेसी दुरेजा ने समिति के समक्ष संस्थान की पूरी रूपरेखा प्रस्तुत की। चर्चा के दौरान सेंट्रल एसी व्यवस्था को लेकर समिति सदस्यों ने सवाल उठाए। चेयरमैन रामकुमार कश्यप ने सदस्यों की सहमति से इसकी जांच के आदेश दिए और 6 माह के भीतर पूर्ण व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए।
निदेशक ने बताया कि योग्य चिकित्सकों की कमी से मरीजों को पीजीआई, रोहतक रेफर करना पड़ रहा है। बिजली की समस्या (अंडरग्राउंड तारों में शॉर्ट सर्किट), सड़क, स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज एवं अन्य रखरखाव मुद्दों पर भी चर्चा हुई। समिति अध्यक्ष एवं सदस्यों ने रोहतक पीजीआई की तर्ज पर यहां इंजीनियरिंग विंग स्थापित करने का सुझाव दिया।
समिति ने बिजली, सीवर, स्टॉर्म वाटर (बारिश का पानी), स्टाफ क्वार्टरों में सुरक्षा एवं अन्य व्यवस्थाओं के लिए एक सप्ताह से 6 माह तक की समयसीमा निर्धारित की। साथ ही, गोहाना से गन्नौर होते हुए खानपुर कलां मार्ग को शीघ्र निर्माण पूरा करने के निर्देश पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को दिए गए। समिति की सिफारिशें राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत की जाएंगी। उन्होंने कहा कि बजट को लेकर भी कई काम समय-समय पर अटक जाते हैं इसको लेकर भी सरकार को सिफारिश की जाएगी कि समय पर मेडिकल कॉलेज को बजट उपलब्ध करवाया जाए।
इस मौके पर समिति सदस्य विधायक इंदुराज नरवाल के अलावा रेनू बाला, रणधीर पनिहार, देवेंद्र चतुर्भुज अत्री, डॉ. कृष्ण कुमार, हरिंदर सिंह, बलराम दांगी, देवेंद्र हंस, हरियाणा विधानसभा के अतिरिक्त सचिव नरीन दत्त, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त निदेशक विजय मलिक आदि भी मौजूद रहे।
स्थायी ड्रेनेज सिस्टम से होगा बेसमेंट में सुधार : इंदुराज नरवाल
समिति के सदस्य विधायक इंदुराज नरवाल ने कहा कि अत्यधिक बारिश के चलते बेसमेंट में बार-बार जलभराव हो जाता है। जब तक स्थायी ड्रेनेज सिस्टम नहीं बनेगा, तब तक बेसमेंट में स्थापित सेंट्रल एसी सिस्टम लगातार खराब होता रहेगा और सुचारू रूप से नहीं चल पाएगा। मेडिकल एजुकेशन विभाग के निदेशक यशेंद्र सिंह ने बताया कि सभी मेडिकल कॉलेजों में इंजीनियरिंग विंग गठित करने के लिए लोक निर्माण विभाग से बातचीत चल रही है और शीघ्र ही इसका समाधान हो जाएगा। इंजीनियरिंग अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए कॉलेज परिसर में ही आवास उपलब्ध करवाए जाएंगे।