अखिल भारतीय साहित्य परिषद ने मनायी व्यास जयंती
नारनौल, 11 जुलाई (निस)
अखिल भारतीय साहित्य परिषद के तत्वाधान में बीती सायं व्यास जयंती मनाई गई। इस उपलक्ष्य में कार्यक्रम में गुरु की महिमा एवं महर्षि व्यास के साहित्य में दिए गए योगदान पर काव्य एवं विचार गोष्ठी पर प्रकाश डाला गया। परिषद के वरिष्ठ सदस्य साहित्यकार जयप्रकाश कौशिक के सान्निध्य में संपन्न गोष्ठी की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र भारद्वाज ने की। गोष्ठी के प्रारंभ में युवा रचनाकार ओशिन शुक्ला ने अपनी कविता मात पिता के चरणों में बसे हैं चारों धाम सुनो से प्रथम गुरु माता पिता को नमन किया। पूर्व प्राचार्य भारत भूषण तायल ने बताया कि यह गुरु पूर्णिमा महर्षि व्यास की जयंती के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। अध्यक्ष डॉ जितेंद्र भारद्वाज ने गुरू की महिमा जानिए जैसे दोहों से गुरु की महिमा का गुणगान किया। डॉ. पंकज गौड़ ने गुरुओं को याद करने का संदेश दिया और एक गीत भी सुनाया। पूर्व जिला बाल कल्याण अधिकारी विपिन शर्मा, आयुर्वेद कॉलेज के प्रो. दलजीत शास्त्री, प्रवक्ता नरोत्तम सोनी, डॉ. दीपक वर्मा, पवन यादव, सचिन कुमार ने भी गुरु के महत्व पर प्रकाश डाला। परिषद की उपाध्यक्ष लोक कवयित्री डॉ कृष्णा आर्या ने एक शिक्षाप्रद लोकगीत सुनाते हुए योग की आवश्यकता एवं महत्व को रेखांकित किया। वरिष्ठ साहित्यकार जयप्रकाश कौशिक ने आध्यात्मिक गुरु की महिमा एवं हमारे जीवन में महत्व पर विस्तार से वर्णन किया। गोष्ठी का संचालन ओशिन शुक्ला ने किया। इस अवसर शिक्षाविद राकेश शर्मा, सचिन कुमार, पवन यादव सहित परिषद की शाखा के अनेक सदस्य उपस्थित रहे। इस अवसर पर गोष्ठी के उपरांत अखिल भारतीय साहित्य परिषद नारनौल इकाई का पुनर्गठन भी किया गया जिसमें सर्वसम्मति से डॉ जितेंद्र भारद्वाज को पुनः अध्यक्ष बनाया गया। डॉ कृष्णा आर्या ने अध्यक्ष डॉ जितेंद्र भारद्वाज को एक पौधा भेंट कर बधाई दी और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इसी कड़ी अध्यक्ष डॉ जितेंद्र भारद्वाज ने बताया कि डॉ पंकज गौड़ को महामंत्री एवं डॉ दीपक वर्मा को पुनः कोषाध्यक्ष बनाया गया है। उन्होंने बताया कि 12 से 13 जुलाई को शाखा का एक प्रतिनिधिमंडल पानीपत में आयोजित होने वाले परिषद के प्रांतीय अधिवेशन में भाग लेगा।