यमुना में जलस्तर बढ़ने से अलर्ट जारी, औखला बैराज से छोड़ा 27412 क्यूसिक पानी
यमुना में ओखला बैराज से मानसून मौसम में अब तक सबसे ज्यादा 27 हजार क्यूसिक पानी छोड़ा गया है। अभी तक किसी गांव की आबादी या फसल में पानी नहीं भरा है। प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है और किनारे बसे गांवों में मुनादी करा दी है कि कोई भी व्यक्ति अपने पशुओं को लेकर नदी की तरफ न जाए। फरीदाबाद की सीमा में ओखला बैराज से पानी छोड़ा जाता है। सोमवार सुबह से यमुना का जलस्तर बढऩे लगा। सभी गांवों में सरपंचों ने इसके बारे में सूचना दे दी कि सभी अपने परिजन को खेतों से घर बुला लें। कोई भी व्यक्ति अपने खेतों पर जाने के लिए नाव का प्रयोग न करे। पानी का बहाव तेज होने के कारण नाव बह सकती है और कोई दुर्घटना घट सकती है। ग्रामीण खेतों पर रहने वाले परिजन के लिए नाव से भोजन लेकर जाते हैं। प्रशासन को किनारे बसे गांवों के सरपंचों ने जलस्तर बढऩे बारे रिपोर्ट दे दी।
सिंचाई विभाग के उपमंडल अधिकारी अरविंद शर्मा का कहना है कि अब तक का सोमवार को सबसे ज्यादा 27412 क्यूसिक पानी छोड़ा गया। इससे पहले 22 हजार और 18 हजार क्यूसिक पानी छोड़ा गया था। सोमवार को भी छोड़े गए पानी से फरीदाबाद की सीमा में किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं है। यहां पर एक लाख क्यूसिक पानी छोडऩे तक किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं है। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ओखला बैराज से छोड़़ जाने पानी हर घंटे की रिपोर्ट दे रहा है।
बल्लभगढ़ के एसडीएम के मयंक भारद्वाज यमुना में छोड़े जाने वाले पानी की सूचना के साथ ही हमने सभी सरपंचों को गांव में मुनादी कराने के लिए कह दिया कि कोई भी व्यक्ति नदी की तरफ न जाए। सभी पंचायत सचिव और पटवारियों से हर स्थिति पर ध्यान रखने के लिए कहा है। किसी भी तरह की दुर्घटना के बारे में तुरंत प्रशासन को सूचना दें।