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मेवात में फिर शुरू हुआ वायु गुणवत्ता मापन उपकरण

जिले में शुद्ध वातावरण और खराब श्रेणी की वायु से बचने के लिए प्रशासन ने ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसी कड़ी में मेवात का एकमात्र वायु गुणवत्ता सूचकांक केंद्र, जो मांडीखेड़ा स्थित अल-आफ़िया सामान्य अस्पताल में...
नूंह के मांडीखेड़ा स्थित अल आफिया अस्पताल परिसर में लगे उपकरण को ठीक करने पहुंचे प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारी। -निस
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जिले में शुद्ध वातावरण और खराब श्रेणी की वायु से बचने के लिए प्रशासन ने ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसी कड़ी में मेवात का एकमात्र वायु गुणवत्ता सूचकांक केंद्र, जो मांडीखेड़ा स्थित अल-आफ़िया सामान्य अस्पताल में स्थापित है, लंबे समय से बंद पड़ा था। अब इसे सुधारकर दोबारा चालू कर दिया गया है।

मेवात की आबादी करीब 16 लाख से अधिक है, जिसमें तावडू, नूंह, फिरोजपुर झिरका, नगीना, पिनांगवा और पुन्हाना जैसे बड़े कस्बे शामिल हैं। जिले का क्षेत्रफल 1860 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी बड़ी आबादी और भौगोलिक विविधता के बीच एक ही स्टेशन से वायु गुणवत्ता का सही आकलन संभव नहीं है।

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मेवात से सटे औद्योगिक शहर भिवाड़ी (8 किमी), मानेसर (15 किमी) और गुरुग्राम (35 किमी) अकसर खराब श्रेणी का एक्यूआई दर्ज करते हैं। इसके अलावा, नगीना व फिरोजपुर झिरका इलाके में चल रहे बूचड़खाने, स्टोन क्रेशर और मिक्सर प्लांट भी प्रदूषण का बड़ा कारण माने जाते हैं। लेकिन मांडीखेड़ा के पास न तो कोई बड़ी औद्योगिक इकाई है और न ही स्टोन क्रेशर। ऐसे में वहां दर्ज एक्यूआई को पूरे जिले का प्रतिनिधि मानना गलत होगा। विशेषज्ञों और पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि जिले की भौगोलिक स्थिति और प्रदूषण के स्तर को देखते हुए कम से कम दो और स्टेशन जरूरी हैं। इससे हवा की वास्तविक स्थिति सामने आएगी और प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए जा सकेंगे।

इस संबंध में क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी आकांक्षा तंवर ने बताया कि मांडीखेड़ा अस्पताल में लगा स्टेशन कुछ दिनों से खराब था, जिसे अब सही कर दिया गया है। बैटरी और अन्य तकनीकी उपकरण बदल दिए गए हैं। जरूरत पड़ने पर जिले में और भी एक्यूआई मापक यंत्र लगाए जा सकते हैं।

 

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