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प्रदर्शन के बाद सरकार का फूंका पुतला

सीजेआई पर जूता फैंकने का प्रकरण, एडीजीपी सुसाइड मामले पर रोष

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एडीजीपी वाई पूर्ण कुमार आत्महत्या मामले में आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस बीआर गवई पर कथित रूप से जूता फैंकने के प्रयास मामले में शुक्रवार को एससी, एसटी, ओबीसी समाज एकता मंच के बैनर तले बड़ी संख्या में लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया और सरकार का पुतला फूंका। प्रदर्शनकारी लघु सचिवालय पहुंचे। कोर्ट मोड़ पर सरकार का पुतला फूंका और महामहिम राष्ट्रपति के नाम सीटीएम को ज्ञापन सौंपा। इससे पहले रोष सभा में कांग्रेस के जिला प्रधान ऋषिपाल हैबतपुर ने आईजी स्तर के आईपीएस अधिकारी वाई पूर्ण कुमार की आत्महत्या मामले का जिक्र करते हुए कहा कि यह घटना बताती है कि एससी वर्ग के अधिकारी तक सुरक्षित नहीं हैं। उनकी मौत के लिए दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार करके कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।

हिसार (हप्र) : अनुसूचित जाति एवं पिछड़ी जातियों के दलों ने प्रदर्शन किया और कैंडल मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों में संत कबीर शिक्षा समिति, अखिल भारतीय वाल्मीकी समाज के लोग भी शामिल थे। गुरु रविदास महासभा, डॉक्टर अंबेडकर महासभा, कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट, भीम आर्मी आदि का यह विरोध मार्च पुराना गवर्नमेंट कॉलेज मैदान से पारिजात चौक होकर लक्ष्मीबाई चौक से आईजी कार्यालय तक निकाला गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार और जातिवादी व्यवस्था के विरोध में नारे लगाए तथा आईपीएस वाई पूरन कुमार को न्याय दो, जातिगत उत्पीडऩ बंद करो की तख्तियां लहराई। प्रदर्शन में कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र सैनी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष बृजलाल बहबलपुरिया, एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल, मुकेश सैनी, संतलाल अंबेडकर, गुरचरण अठावाल आदि मौजूद रहे। समाज के प्रतिनिधियों जोगीराम खुंडिया, बिजेंद्र सभरवाल, रतन बडग़ुज्जर, एडवोकेट बजरंग इंदल ने कहा कि पीडि़त परिवार ने अपनी शिकायत में डीजीपी शत्रुजीत कपूर, एसपी नरेंद्र बिजारनिया सहित 13 अधिकारी नामजद किए हैं लेकिन अब तक किसी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। समाज के प्रतिनिधियों ने आईपीएस मामले की सुप्रीम कोर्ट जस्टिस से जांच कराने, दोषियों की गिरफ्तारी और पीडि़त परिवार को सुरक्षा की मांग की गई। इस दौरान प्रदर्शन के साथ भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।

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