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विस की टिकट कटने पर अब मेयर की टिकट के दावेदार बने सीकरी

गुरुग्राम, 7 सितंबर (हप्र) हरियाणा विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की गुडग़ांव विधानसभा से टिकट मांगने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता बोधराज सीकरी का फोकस अब मेयर के चुनाव पर हो गया है। यहां पंजाबी समाज की सामूहिक मंथन...

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गुरुग्राम, 7 सितंबर (हप्र) हरियाणा विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की गुडग़ांव विधानसभा से टिकट मांगने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता बोधराज सीकरी का फोकस अब मेयर के चुनाव पर हो गया है। यहां पंजाबी समाज की सामूहिक मंथन गोष्ठी में मीडिया से बाचीत में यह संकेत उन्होंने दिए। बोधराज सीकरी ने कहा कि भाजपा टिकट ना मिलने से दुख जरूर हुआ है, लेकिन पार्टी छोड़नेे जैसा कदम वे नहीं उठाएंगे। क्योंकि टिकट किसी एक नेता को ही मिलनी थी। उन्होंने कहा कि सत्ता का मिलना ही धर्म नहीं है। उन्होंने अपना कर्तव्य निभाया। अपनी अर्जी संगठन में पहुंचाई। पैनल में भी वे ऊपर रहे। सीकरी ने कहा कि संगठन जातीय, व्यक्ति विशेष, स्थान समीकरण देखकर टिकट देती है। वे संगठन में रहकर आवाज बुलंद करेंगे। उन्होंने टिकट बदलने की भी उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि हो सकता है परिवर्तन हो जाए। आने वाले समय में मेयर के भी चुनाव होने हैं। वे मेयर के चुनाव के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने पंजाबी वोट बैंक को लेकर कहा कि पंजाबी समाज संगठित है। गुरुग्राम में 16 हजार 400 सदस्य पंजाबी बिरादरी महासंगठन के हैं। हर प्रति में 3 सदस्यों के हिसाब से करीब 50000 वोट बनते हैं, जो हमेशा उनके साथ रहते हैं। इसलिए पार्टी से इस्तीफा देने का कोई औचित्य नहीं बनता। वे अहसास कराएंगे कि पंजाबी समाज के बगैर संगठन अधूरा है। 22% पंजाबियों की जनसंख्या है। जब कांग्रेस पंजाबी नेता को 8 बार टिकट दे सकती है तो भाजपा क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि वे राजनीति के माध्यम से भी सेवा करना चाहते हैं।
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गुरुग्राम, 7 सितंबर (हप्र)

हरियाणा विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की गुडग़ांव विधानसभा से टिकट मांगने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता बोधराज सीकरी का फोकस अब मेयर के चुनाव पर हो गया है। यहां पंजाबी समाज की सामूहिक मंथन गोष्ठी में मीडिया से बाचीत में यह संकेत उन्होंने दिए। बोधराज सीकरी ने कहा कि भाजपा टिकट ना मिलने से दुख जरूर हुआ है, लेकिन पार्टी छोड़नेे जैसा कदम वे नहीं उठाएंगे। क्योंकि टिकट किसी एक नेता को ही मिलनी थी। उन्होंने कहा कि सत्ता का मिलना ही धर्म नहीं है। उन्होंने अपना कर्तव्य निभाया। अपनी अर्जी संगठन में पहुंचाई। पैनल में भी वे ऊपर रहे। सीकरी ने कहा कि संगठन जातीय, व्यक्ति विशेष, स्थान समीकरण देखकर टिकट देती है। वे संगठन में रहकर आवाज बुलंद करेंगे। उन्होंने टिकट बदलने की भी उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि हो सकता है परिवर्तन हो जाए। आने वाले समय में मेयर के भी चुनाव होने हैं। वे मेयर के चुनाव के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने पंजाबी वोट बैंक को लेकर कहा कि पंजाबी समाज संगठित है। गुरुग्राम में 16 हजार 400 सदस्य पंजाबी बिरादरी महासंगठन के हैं। हर प्रति में 3 सदस्यों के हिसाब से करीब 50000 वोट बनते हैं, जो हमेशा उनके साथ रहते हैं। इसलिए पार्टी से इस्तीफा देने का कोई औचित्य नहीं बनता। वे अहसास कराएंगे कि पंजाबी समाज के बगैर संगठन अधूरा है। 22% पंजाबियों की जनसंख्या है। जब कांग्रेस पंजाबी नेता को 8 बार टिकट दे सकती है तो भाजपा क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि वे राजनीति के माध्यम से भी सेवा करना चाहते हैं।

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