एडवोकेट कल्सन को पुलिस ने कोर्ट में किया पेश, एक दिन के रिमांड पर लिया
हिसार की ऑटो मार्केट में 2 दोस्तों के साथ मिलकर हांसी पुलिस टीम पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार हांसी के दलित एक्टिविस्ट एडवोकेट रजत कल्सन को हिसार शहर थाना पुलिस ने शुक्रवार को अदालत में पेश किया जहां से उसको 1 दिन के रिमांड पर भेज दिया गया। अभी उसके 2 साथियों की गिरफ्तारी बाकी है। इससे पूर्व बृहस्पतिवार को नारनौंद पुलिस ने करीब 6 माह पहले नारनौंद के गांव बुड़ाना में हुई एक महिला की हत्या के मामले में सोशल मीडिया पर आरोपियों के पक्ष में टिप्पणी करने के आरोप में दर्ज मामले मामले में भी एडवोकेट रजत कल्सन को गिरफ्तार किया था जिसमें हांसी की अदालत ने उसको जमानत पर रिहा कर दिया था। इसके तुरंत बाद हिसार पुलिस ने बृहस्पतिवार को उसको गिरफ्तार कर लिया था।
शहर थाना पुलिस ने हांसी स्पेशल स्टाफ के सब इंस्पेक्टर रविकांत की शिकायत पर हांसी निवासी एडवोकेट रजत कल्सन के खिलाफ तहत एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस शिकायत में उन्होंने कहा था कि नारनौंद थाना में 29 जुलाई को दर्ज एक एफआईआर में एडवोकेट रजत कल्सन आरोपी है। 30 जुलाई बुधवार की रात 10 बजे पुरानी ऑटो मार्केट में होंडा एजेंसी के समीप 3 व्यक्ति एक गाड़ी के अंदर शराब पी रहे थे और डाइवर वाली सीट पर एडवोकेट रजत कल्सन बैठा था। उसने रजत कल्सन को उपरोक्त केस की जांच में शामिल होने का नोटिस देकर तय समय में आने को कहा और एक प्रति पर हस्ताक्षर करने को कहा। इस पर रजत कल्सन गुस्से में आ गया और ऊंची आवाज में धमकी देते हुए कहा कि वह वकील है और उसको नोटिस देने की हिम्मत कैसे हुई। बहस के दौरान एडवोकेट रजत कल्सन गाड़ी से नीचे उतर गया और उसके साथी भी नीचे उतर गए। जब उसने रजत को पकड़ने का प्रयास किया तो उसने धक्का दे दिया जिससे वह चोटिल हो गया और रजत ने मारपीट शुरू कर दी। इसी दौरान नारनौंद थाना प्रभारी बलवान सिंह अपनी टीम के साथ वहां पहुंच गए और एडवोकेट रजत कल्सन को गिरफ्तार कर लिया। उल्लेखनीय है कि एडवोकेट कल्सन दलित समाज के केसों को लेकर लगातार आवाज उठाने के लिए भी चर्चा में रहते हैं। हाल ही में हिसार में हुए डीजे विवाद मामले में गणेश की मौत पर लगाए धरने में शामिल हुए थे। वहीं हांसी के भाटला प्रकरण में भी वह लगातार दलितों की आवाज कोर्ट तक उठा रहे हैं। इसके अलावा नारनौंद क्षेत्र में अप्रैल 2010 में हुए मिर्चपुर कांड में दलितों का केस लड़ने वाले भी एडवोकेट रजत कल्सन थे।