जिले के नगीना थाना क्षेत्र के गांव करहेड़ा के सरपंच रामपाल को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) गुरुग्राम की टीम ने गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई सरपंच के फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र की जांच में क्लीन चिट देने के बदले रिश्वत लेने के मामले से जुड़ी है। इससे पहले एसीबी की टीम ग्राम सचिव हसीन और तत्कालीन फिरोजपुर झिरका एसडीएम के स्टेनो प्रदीप को भी इसी केस में गिरफ्तार कर चुकी है।
जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता जुबैर निवासी फिरोजपुर झिरका, जो एसडीएम कार्यालय में बतौर कंप्यूटर ऑपरेटर कार्यरत था, ने एसीबी को शिकायत दी थी। जुबैर ने बताया कि गांव करहेड़ा के सरपंच रामपाल की आठवीं कक्षा की मार्कशीट की जांच एसडीएम कार्यालय में चल रही थी। जांच को अपने पक्ष में करवाने के लिए सरपंच की ग्राम सचिव हसीन से बातचीत हुई। हसीन ने जांच को पक्ष में करने के एवज में तीन लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। जुबैर ने एसीबी को सूचित किया और 6 फरवरी को अपने फार्म हाउस पर हसीन को पैसे देने के लिए बुलाया। जैसे ही हसीन पैसे लेने पहुंचा, एसीबी की टीम ने उसे तीन लाख रुपये लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान हसीन ने स्वीकार किया कि यह पैसा फर्जी दस्तावेज बदलवाने के लिए था। जांच में सामने आया कि एसडीएम कार्यालय के स्टेनो प्रदीप की ग्राम सचिव और सरपंच के साथ चैटिंग और बातचीत हुई थी, जिसके आधार पर उसे भी सह-आरोपी बनाया गया। लंबे समय तक फरार रहने के बाद प्रदीप ने आत्मसमर्पण किया जिसके बाद उसे 8 दिन के रिमांड पर लिया गया था।
सरपंच रामपाल की गिरफ्तारी के बाद एसीबी की जांच बड़े अधिकारियों तक पहुंच सकती है अब एसीबी ने इसी मामले में सरपंच रामपाल को भी गिरफ्तार कर लिया है। यह इस मामले में तीसरी गिरफ्तारी है। सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसी को शक है कि इस पूरे प्रकरण में तत्कालीन उच्च अधिकारी भी शामिल
हो सकते हैं।