रेजांगला युद्ध पर बन रही फिल्म ‘120 बहादुर’ पर रोक लगाने और तथ्यों से छेड़छाड़ के विरोध में यादव समाज के लोगों ने यादव सभा महेन्द्रगढ़ के नेतृत्व में लघु सचिवालय में प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। उनका आरोप है कि फिल्म तथ्यों से परे हैं और इस युद्ध के नायक यदुवंशी वीरों के साथ अन्याय है। यादव सभा के प्रधान अभय राम एडवोकेट ने बताया कि भारत के सैन्य इतिहास में रेजांगला युद्ध एक ऐसा अध्याय है जिसे वीरता, बलिदान और अपार राष्ट्रभक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस ऐतिहासिक युद्ध में 120 वीरों की एक छोटी टुकड़ी, जिनमें 117 यदुवंशी (अहीर) सैनिक थे, उन्होंने 5000 से अधिक चीनी सैनिकों का बहादुरी से सामना किया और मातृभूमि के लिए 114 सैनिकों ने अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। लेकिन हाल ही में बॉलीवुड द्वारा इस ऐतिहासिक युद्ध पर बनाई जा रही फिल्म ‘120 बहादुर’ ने तथ्यों को विकृत करके यदुवंशी समाज के बलिदान और गौरव को अंधकार में डालने का प्रयास किया है। युद्ध की ऐतिहासिक सच्चाई यह है कि इसमें 120 में से 117 सैनिक यदुवंशी (अहीर) थे, जो हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से थे। ‘120 बहादुर’ फिल्म में ‘बहादुर’ शब्द का प्रयोग कर इसे गोरखा सैनिकों की वीरगाथा की तरह प्रस्तुत किया गया है, जो कि ऐतिहासिक रूप से गलत है। इसका सही शीर्षक ‘120 वीर अहीर’ होना चाहिए। फिल्म में मेजर शैतान सिंह को ‘भाटी’ के रूप में दिखाकर राजपूत पहचान दी गई, जबकि सैन्य रिकॉर्ड में उनका नाम केवल ‘शैतान सिंह’ था।
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