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पवित्र जोड़ा साहिब की चरण सुहावे गुरु चरण यात्रा का भव्य स्वागत

प्रदेश की धरती शुक्रवार को ऐतिहासिक और आध्यात्मिक क्षण की साक्षी बनी, जब सरबंसदानी, दशम पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह महाराज और माता साहिब कौर के पवित्र जोड़ा साहिब की चरण सुहावे गुरु चरण यात्रा का भव्य स्वागत किया गया।...
फरीदाबाद के गुरुद्वारे में सीएम नायब सैनी का स्वागत करते रविंद्र सिंह राणा।  साथ हैं विधायक मूलचंद शर्मा, पूर्व शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा व अन्य।-हप्र
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प्रदेश की धरती शुक्रवार को ऐतिहासिक और आध्यात्मिक क्षण की साक्षी बनी, जब सरबंसदानी, दशम पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह महाराज और माता साहिब कौर के पवित्र जोड़ा साहिब की चरण सुहावे गुरु चरण यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। इस स्वागत कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शिरकत की। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने एनआईटी-5 स्थित गुरुद्वारे में चरण सुहावे गुरु चरण यात्रा का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने यात्रा के साथ चल रहे केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का प्रदेश आगमन पर स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने दरबार साहिब गुरुद्वारे में साध-संगत और पंज प्यारों का भी पटका पहनाकर सम्मान किया। मुख्यमंत्री ने यात्रा की रवानगी से पहले गुरुद्वारा में मत्था टेका और अरदास सुनी। इसके उपरांत उन्होंने पवित्र जोड़ा साहिब के दर्शन किए। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य रविंदर सिंह राणा, दरबार साहिब गुरुद्वारे के प्रधान इंदर जीत सिंह मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि दिल्ली से शुरू होकर बिहार स्थित तख्त श्री हरमंदिर पटना साहिब तक जाने वाली इस महान यात्रा का पहला विश्राम स्थल फरीदाबाद रहा। यह यात्रा दिल्ली जोकि भारत की राजधानी है और पटना साहिब जो गुरु गोबिंद सिंह जी की जन्मभूमि है के बीच एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक सेतु का निर्माण कर रही है। दिल्ली का प्रवेश द्वार कहे जाने वाला यह शहर आज गुरु चरणों की धूल से पावन हो उठा है। नायब सिंह सैनी ने कहा कि आज यह पवित्र जोड़ा साहिब यहां पहुंचा है तो दशमेश पिता का सम्पूर्ण तेज, त्याग और बलिदान हमारे बीच साकार हो उठा है। उन्होंने धर्म, राष्ट्र और मानवता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। यह जोड़ा साहिब हमें उनकी उस महान प्रतिज्ञा की याद दिलाता है कि सवा लाख से एक लड़ाऊँ, तबै गोबिंद सिंह नाम कहाऊँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस यात्रा में माता साहिब कौर का भी पवित्र जोड़ा साहिब शामिल है। माता साहिब कौर जी को खालसा पंथ की मां होने का गौरव प्राप्त है। जब गुरु जी ने खालसा पंथ की स्थापना की, तो उन्होंने माता साहिब कौर से अमृत में पताशे डलवाए, ताकि खालसा के अनुयायियों में वीरता के साथ-साथ मिठास और करुणा भी बनी रहे।

 

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