रेजांगला के अमर शहीदों की कांवड़ उठाकर 87 वर्षीय कप्तान रामचंद्र यादव ने रचा इतिहास
रेवाड़ी, 14 जुलाई (हप्र)
सावन मास के प्रथम सोमवार को हर की पौड़ी (हरिद्वार) से रेजांगला पराक्रम यात्रा ने पहली बार रेजांगला युद्ध के अमर शहीदों की कांवड़ उठाई। युद्ध के 87 वर्षीय जीवित योद्धा कप्तान रामचंद्र ने गंगा स्नान कर गंगाजल भरी कांवड़ को कंधे पर उठाकर नया इतिहास रचा है। रेजांगला शौर्य समिति के मार्गदर्शन में शहीद सेवा दल फाउंडेशन की इस यात्रा को पतंजलि संस्थान में पहुंचने पर योग गुरु रामदेव ने भी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादाई बताते हुए आशीर्वाद दिया।
बता दें कि 17 जून को युद्ध के महानायक परमवीर चक्र मेजर शैतान सिंह भाटी के शताब्दी जयंती वर्ष में जोधपुर से चली यह यात्रा राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व पंजाब के सभी रेजांगला शहीद परिवारों को सम्मानित करते हुए 23 जुलाई को महाशिवरात्रि के दिन अहीर धाम चूशूल घाटी लेह लद्दाख पहुंचेगी। पवित्र गंगाजल से पहली बार उन शहीदों का सामूहिक तर्पण कर इस कांवड़ को चढ़ाया जाएगा। यात्रा संयोजक सावन सिंह रोहिल्ला, रेजांगला शौर्य समिति महासचिव नरेश चौहान राष्ट्रपूत, लेखक श्याम लाल यादव, यादव सभा जोधपुर अध्यक्ष जगदीश प्रसाद यादव, सूबे. मेजर धर्म देव यादव, शहीद परिवार वीर नारी मिश्रो देवी, योगाचार्य राकेश कुमार, सरोज बाला, यशवंत शास्त्री, स्नेह लता, ज्यावर्धन, समाज सेवी पूजा गुप्ता, मनीष कुमार, केवल सिंह, संदीप आदि यात्रा दल के सदस्यों ने भोले बाबा के जयकारे से कांवड़ को चंडीगढ़ की ओर रवाना किया।